अमरीका : सीआईए के चीफ ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को ख़बरदार किया है कि ईरान के साथ परमाणु समझौते को ख़त्म करना ‘विनाशकारी’ और ‘मूर्खता की इन्तहा’ हो सकता है. ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ईरान के साथ परमाणु समझौते को ख़त्म कर देने और रूस के साथ क़रीबी संबंध बनाने के संकेत दिए थे. चार साल तक इस पद पर बने रहने के बाद जॉन ब्रेनन जनवरी 2017 में रिटायर हो रहे हैं. जॉन ब्रेनन ने बीबीसी से बातचीत में कहा, ”मेरे विचार से ईरान के साथ परमाणु समझौता ख़त्म करना विनाशकारी होगा.” उनका कहना था कि ऐसी मिसाल नहीं मिलती कि पिछली सरकार ने जो समझौते किए हों उसको दूसरी सरकार आने के बाद रद्द कर दे. उनका कहना था कि ऐसा करने से ईरान में कट्टरपंथियों की स्थिति मज़बूत होने का ख़तरा है और दूसरे देश भी ईरान को देखकर परमाणु प्रोग्राम शुरु कर सकते हैं.
सीरिया के हालात के बारे में ब्रेनन ने कहा कि बशर अल-असद की सरकार और रूस दोनों सीरियाई नागरिकों के ‘निर्दयतापूर्ण जनसंहार’ के ज़िम्मेदार हैं.
बराक ओबामा की सरकार ने बशर अल-असद के ख़िलाफ़ लड़ रहे विद्रोहियों को समर्थन देने की नीति अपनाई थी.
ब्रेनन का कहना था कि उन्हें पूरा यक़ीन है कि अमरीका को यही नीति जारी रखते हुए सीरिया, ईरान, हिज़्बुल्लाह और रूस के ख़िलाफ़ विद्रोहियों की मदद करनी चाहिए. उनका कहना था कि भविष्य में सीरिया के मामले में रूस की भूमिका बहुत अहम रहेगी. ट्रंप की नई टीम की तरफ़ से इस तरह के संकेत दिए जा रहे हैं कि अमरीका कई मुद्दों पर रूस के साथ मिलकर काम करने की कोशिश करेगा. ब्रेनन ने कहा कि अमरीका को रूस के वादे के बारे में सचेत रहना चाहिए क्योंकि पहले भी रूस अपने वादे निभाने में नाकाम रहा है.