सितंबर कांग्रेस हाईकमान और मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से अलाहिदा तेलंगाना रियासत की तशकील के अमल को तेज़ करने की तैयारीयों के दौरान सीमांध्र से ताल्लुक़ रखने वाले वुज़रा पर इस्तीफ़ों के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है।
कांग्रेस हाईकमान ने बारहा ये वाज़िह करदिया कि तेलंगाना रियासत की तशकील के फैसले से दसतबरदारी इख़तियार नहीं की जाएगी। इन हालात में सीमांध्र इलाक़ों में जारी एहतेजाज को देखते हुए सीमा आंध्र वुज़रा स्तीफ़ा के मसले पर तज़बज़ब का शिकार हैं।
बाअज़ वुज़रा बज़ाहिर स्तीफ़ा के लिए तैयार हैं जबकि दुसरे सीमांध्र वुज़रा का ख़्याल हैके मर्कज़ के सख़्त मौक़िफ़ के बाइस स्तीफ़ा से कुछ हासिल नहीं होगा।
इन हालात में देखना ये हैके आइन्दा मर्कज़ी काबीना के मीटिंग में तेलंगाना से मुताल्लिक़ काबीनी नोट की मंज़ूरी के बाद क्या सीमा। आंध्र वुज़रा इजतेमाई तौर पर मुस्ताफ़ी हूजाएंगे यह फिर हाईकमान के फैसले को तस्लीम करलींगे? स्तीफ़ा के मसले पर सीमा आंध्र वुज़रा में इख़तिलाफ़-ए-राय के सबब चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी भी उलझन का शिकार हैं।
बताया जाता हैके उन्होंने रियासती वुज़रा को मश्वरह दिया कि काबीना में तेलंगाना से मुताल्लिक़ मुसव्वदा बिल की मंज़ूरी के बाद इजतेमाई स्तीफ़ों का फैसला किया जाये।
सीमांध्र के 13 अज़ला में सरकारी मुलाज़मीन और अवामी एहतेजाज के बाइस सीमा आंध्र के वुज़रा अपने असेंबली हलक़ा जात का दौरा करने के मौक़िफ़ में नहीं हैं।