सी बी आई के गवाह की हैसियत से ख़ुद को पेश करनेवाली ख़ातून मुश्किलात का शिकार

एक 40 साला ख़ातून आज मुश्किलात का शिकार होगई जबकि इस ने सी बी आई के एक मुक़द्दमा मैं ख़ुद को इस्तिग़ासा का गवाह ज़ाहिर करते हुए पेश किया ताकि ख़ुसूसी अदालत के इजलास पर गवाही दे सके।

शबनम ने ख़ुद को सी बी आई की गवाह चारू सेक्सेना की हैसियत से एक कुरप्शन के मुक़द्दमा मैं ख़ुद को पेश किया था। इस मुक़द्दमा मैं मजलिस बलदिया दिल्ली के ओहदेदार, बिल्डर्स और हुकूमत मुलव्वस है। इस का ब्यान ख़ुसूसी सी बी आई जज प्रदीप चड्ढा के इजलास पर क़लमबंद किया गया। जब इस्तिग़ासा के गवाह की हैसियत से अदालत में मौजूद चंद अफ़राद के ब्यानात भी कलमबंद किए जाने के सी बी आई के वकील इस्तिग़ासा के गवाहों से जरह शुरू की और शबनम से भी जरह की गई जो ख़ुद को चारू सेक्सेना क़रार दे रही थी।

इस की बाक़ी जरह असली बीअनामे की अदमे मौजूदगी की बिना पर मुल्तवी करदी गई जबकि मुल्ज़िमीन के एक वकील ने शबनम की शनाख़्त के बारे में शक ज़ाहिर किया और अदालत से ख़ाहिश की कि इस से अपने ब्यान पर जो चंद मिनट पहले रिकार्ड किया गया था अपने अंगूठे का निशान लगाने की हिदायत दी जाय।

मुल्ज़िमीन में से एक के वकील ने ये मुतालिबा किया था। परेशानी के इमकान का अंदाज़ा लगाते हुए शबनम ने अदालत से कहा कि वो चारू सक्सेना नहीं है और इस ने अपनी हक़ीक़ी शनाख़्त ज़ाहिर करदी।

अदालत ने मुआमला का संजीदगी से नोट लेते हुए चारू सक्सेना को दफ़ा 193 (झूटी गवाही) और दफ़ा 419 (तलबी से शख़्सी के ज़रीया धोका दही) क़ानून-ए-ताज़ीरात हिंद के तहत कार्रवाई करने की हिदायत दी।

अदालत ने कहा कि इस के ख़िलाफ़ मुनासिब क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने सी बी आई के 2006-ए-में दर्ज करदा एक मुक़द्दमा में गवाही दी थी