सुन्नी क़बाइल दौलते इस्लामीया के ख़िलाफ़ जंग में तन्हा

शेख़ सबह अलिस्वी अपनी मौत के बारे में फ़िक्रमंद हैं, अपने लिए नहीं बल्कि उन लोगों के लिए जिन्हें वो अपने पीछे छोड़कर जाएंगे। उन की तीन बीवीयां और 19 बच्चे। शेख़ की ये तशवीश बेजा नहीं है।

इराक़ में दौलते इस्लामीया के ख़िलाफ़ लड़ने वाले सुन्नी क़बाइली रहनुमा होने के सबब वो हिट लिस्ट पर हैं और इसी माह दौलते इस्लामीया के दो खुदकुश बमबारों के हमले से बाल बाल बच्चे हैं।

शेख़ सबह अलिस्वी का कहना है कि दौलते इस्लामीया वाहिद दुश्मन है जो हर चीज़ को अपने हमलों का निशाना बनाता है, चाहे वो औरतें हों या बच्चे, जनाज़े, मसाजिद, उल्मा हर कोई उन के निशाने पर है।