हैदराबाद: क्रांतिकारी लेखकों की एसोसीएशन के लीडर वारावरा राव को घर पर नज़रबंद कर दिया गया। एक जनवरी को पुणे के क़रीब भीमा कोरे गावं में फूट पड़े ज़ात से संबंधित हिंसा मामले से एक दिन पहले आयोजित सभा के सिलसिले में वारावरा राव समेत देश भर से माइ नवाज़ों के कई सहानुभूतिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और पुलिस की टीमों की ओर से उनके मकान की तलाशी ली गई थी।
पुलिस ने इस तलाशी के दौरान किताबों और कंप्यूटर्स को भी ज़ब्त किया था ताहम सुप्रीमकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशो के बाद महाराष्ट्र की विष्णु बाग़ पुलिस ने वारावरा राव को कल रात हैदराबाद के गांधी नगर में स्थित उनके मकान पर छोड़ दिया जहां अदालत की निर्देश के अनुसार वो 5 सितंबर तक घर पर नज़रबंद रहेंगे। उनके घर के क़रीब बड़े पैमाना पर हैदराबाद पुलिस को तैनात किया गया है। उनके घर पहुंचने पर भावनात्मक दृश्यों देखे गए। उनके परिवार से वरह वरह राव गले लग गए।
इस अवसर पर वारावरा राव ने कहा कि वो शुरुआत से कहते आरहे हैं कि फ़र्ज़ी बयान की बुनियाद पर उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया। उन्हें क़ानून पर विश्वास है।