सुप्रीम कोर्ट का डाक्टरों की हड़ताल पर हुक्म अलतवी (रोक) से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक दिन तवील ख़ानगी डाक्टरों की मुल़्क गीर हड़ताल (एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल) पर हुक्म अलतवी ( रोक) जारी करने से इनकार कर दिया।

इस हड़ताल की अपील इंडियन मेडीकल एसोसीएसन की जानिब से की गई थी ताकि बाअज़ इस्लाही इक़दामात ( सुधार संबंधी कार्य निष्पादन) के ख़िलाफ़ जो मर्कज़ी हुकूमत तिब्बी शोबा में करने वाली है, एहतिजाज किया जा सके। जस्टिस एच एल गोखले और जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा पर मुश्तमिल बंच ने ताहम उम्मीद ज़ाहिर की कि डॉक्टर्स ख़ुद ही हड़ताल करने से अवाम के मुफ़ाद में गुरेज़ करेंगे।

बंच ने अपने तब्सिरा में कहा कि सीनीयर मुशीर ( सलाहकार) क़ानूनी एम एन कृष्णा मनी ने अपनी दरख़ास्त में कहा कि हड़ताल से संगीन मसाइब (गंभीर कठिनाइयों) का अवाम को सामना करना होगा। अदालत ने तवक़्क़ो ज़ाहिर की कि डॉक्टर्स हड़ताल नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एहसास ज़ाहिर किया कि अब हुक्म अलतवी जारी करने के लिए बहुत देर हो चुकी है क्योंकि इस हुक्म की तामील को यक़ीनी बनाना मुश्किल होगा।

इस सिलसिला में मर्कज़ी हुकूमत ( केंद्र सरकार) और दरख़ास्त गुज़ारों को नोटिस भी जारी करना ज़रूरी होगी। दरख़ास्त में कहा गया था कि ख़ानगी डाक्टरों ( Private Doctors) की हड़ताल गै़रक़ानूनी और ग़ैर दस्तूरी है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस पर हुक्म अलतवी जारी करना चाहीए।

सुप्रीम कोर्ट ने सीनीयर मुशीर ( सलाहकार) क़ानूनी टी एस ढोबला से जो मर्कज़ी हुकूमत की पैरवी कर रहे थे, सवाल किया कि आख़िर हुकूमत कोई पेशगी इक़दाम ( कार्य निष्पादन) करने से क्यों क़ासिर रही जबकि दरख़ास्त गुज़ार हुकूमत से नुमाइंदगी कर चुके हैं।