इस्लाम आबाद 2 दिसमबर ( पी टी आई ) सुप्रीम कोर्ट की नौ रुकनी वसीअ तर बंच ने मेमो गेट स्कैंडल के मुक़द्दमा की आज इबतिदाई समाअत की और इस की तहक़ीक़ात के साथ साथ सदर आसिफ़ अली ज़रदारी , फ़ौजी सरबराह और आई ऐस आई सरबराह कोअंदरून 15 यौम जवाब देने की हिदायत दी । अदालत ने तहक़ीक़ाती कमीशन तशकील देने का हुक्म दिया और कहा कि उसे अपना काम 3 हफ़्ते के अंदर मुकम्मल कर लेना होगा ।
चीफ़ जस्टिस इफ़्तिख़ार चौधरी ने अपने रिमार्कस मैं कहाकि मेमो केस ,फ़ौजदारी और सिविल दोनों नौईयत का है। साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म नवाज़शरीफ़ ने अदालत में पेश होकरइस्तिदा की है कि डायरैक्टर जनरल आई ऐस आई को तलब किया जाय क्योंकि वो बेहतर तौर पर इस मुआमले पर रोशनी डाल सकते हैं ।
चीफ़ जस्टिस की ज़ेर-ए-क़ियादत सुप्रीम कोर्ट की वसीअ तर बंच ने मेमो स्कैंडल केस की समाअत की। नवाज़शरीफ़ और मुस्लिम लीग (उन ) के क़ाइदीन के बशमोल 9 दरख़ास्त गुज़ारों ने पेटीशन दायर की है ,इन में सदर आसिफ़ अली ज़रदारी , फ़ौजी सरबराह जनरल क्यानी और डी जी आई ऐस आई शुजा पाशाह के इलावा हुसैन हक़्क़ानी, मंसूर एजाज़ को भी फ़रीक़ बनाया गया है।
वतन पार्टी के दरख़ास्त गुज़ार बैरिस्टर ज़फ़र उल्लाह और दूसरे दरख़ास्त गुज़ार तारिक़ असद ऐडवोकेट ने इबतिदाई दलायल पेश कि। चीफ़ जस्टिस ने रिमार्कस मैं कहाकि मेमो कामुस्तनद होना अभी एक सवाल है, मई के बाद से पै दरपे अहम वाक़ियात हुए । मंसूरएजाज़ के आर्टीकल के तनाज़ुर में मेमो मुआमला एहमीयत का हामिल है। उन्हों ने कहाकि रिचर्ड निक्सन के वाटरगेट स्कैंडल समेत मुख़्तलिफ़ मिसालें हमारे सामने हैं।
जस्टिस जव्वाद ख़्वाजा ने कहाकि हर आदमी सच्च जानना चाहता है, देखना ये है कि हक़ायक़ तलाश करने का फ़ोर्म क्या होना चाहीए । जस्टिस तारिक़ परवेज़ ने रिमार्कस मैं कहाकि हुसैन हक़्क़ानी का ब्यान आया है कि उन्हों ने अपना ब्लैकबेरी और लैपटॉप सदर के हवाले करदिया है । नवाज़शरीफ़ ने मेमो का मतन अदालत में पढ़ कर सुनाया और कहाकि सुप्रीम कोर्ट ही सच्च सामने लासकता है, पार्लीमैंट की बात सुनी नहीं जा रही है ।
अदालत तमाम फ़रीक़ैन को तलब करे। उन्हों ने कहाकि हुकूमत अपने सफ़ीर से कैसे तफ़तीश करसकती है? नवाज़शरीफ़ ने कहाकि वो सदर पर इल्ज़ाम नहीं लगा रहे हैं ।