पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने रवां माह के अवाइल में फ़ौजी अदालतों की तरफ़ से छः मुजरिमों को दी गई मौत की सज़ा को मुअत्तल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हुक्म दिया कि जब तक फ़ौजी अदालतों के क़ियाम के ख़िलाफ़ दायर दरख़ास्तों पर फ़ैसला नहीं आ जाता ये सज़ाएं मुअत्तल रहेंगी।
पार्लीमान में मौजूद तमाम सियासी जमातों के दरमयान मुशावरत से रवां साल के अवाइल में आईन में इक्कीसवीं तरमीम और आर्मी ऐक्ट में तरमीम के बाद दहश्तगर्दी के मुक़द्दमात के लिए मुल्क में नौ फ़ौजी अदालतें क़ायम की गई थीं जिन से छः मुजरिमों को सज़ाए मौत सुनाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस नसीरुल मलिक की सरब्राही में क़ायम फ़ुल कोर्ट बैंच ने हाल ही में क़ायम की गई फ़ौजी अदालतों के ख़िलाफ़ दायर मुतफ़र्रिक़ दरख़ास्तों की समाअत जुमेरात को शुरू की।