नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने सदर कांग्रेस सोनिया गांधी और नायब सदर राहुल गांधी को एक बड़ी राहत देते हुए नेशनल हेराल्ड केस में ट्रायल कोर्ट में शख़्सी हाज़िरी से इस्तिस्ना दे दिया है। अदालत ज़ीरीं की फ़ौजदारी कार्यवाई में मुदाख़िलत से इनकार कर दिया। ट्रायल कोर्ट में शख़्सी हाज़िरी से इस्तिस्ना देने के लिए दोनों की अर्ज़ी को क़बूल करते हुए अदालत-ए-उज़्मा ने कहा कि मजिस्ट्रेट को ये इख़तियार है कि ज़रूरत पड़ने पर वो किसी भी वक़्त उन्हें मुल्ज़िमीन को शख़्सी तौर पर तलब कर सकते हैं।
इस केस पर समाअत 20 फरवरी को होगी। बीजेपी लीडर सुब्रामणियम स्वामी ने अदालत में ये केस दायर किया है और मुल्ज़िमीन को शख़्सी हाज़िरी से इस्तिस्ना देने की मुख़ालिफ़त की है। जस्टिस जे ऐस ख़ैर और जस्टिस नागपन पर मुश्तमिल बेंच ने कहा कि मख़सूस हक़ायक़ और हालात और दरख़ास्त गुज़ारों के मर्तबा-ओ-मुक़ाम के पेश-ए-नज़र शख़्सी तौर पर हाज़िरी से इस्तिस्ना देने की ज़रूरत है।
ट्रायल कोर्ट में उनकी हाज़िरी के लज़ूम से आसानी कम मुश्किलात ज़्यादा होजाएंगी। सुप्रीमकोर्ट बेंच के सीनियर वुकला कपिल सिब्बल, एएम सिंघवी और उन छीमबा के दलायल की समात के बाद ये अहकामात जारी किए हैं जिन्होंने सोनिया और राहुल की पैरवी की है।
कांग्रेस के अंग्रेज़ी रोज़नामा नेशनल हेराल्ड बंद होजाने के बाद उस के असासाजात गै़रक़ानूनी तरीक़े पर फ़रोख़त कर देने का इल्ज़ाम आइद करते हुए ये केस दायर किया गया है|