सुप्रिम कोर्ट ने सहारा ग्रूप के सरबराह सुब्रत राय को जुडिशियल हिरासत से उबूरी जमानत पर रिहा होने के लिए सेबी के पास 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने को कहा है। आज हुई सुनवाई में जस्टिस के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की बैंच ने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये अदालत के पास जमा किए जाएं और 5,000 करोड़ रुपये के लिए नेशनलाइज बैंक की गैरंटी सेबी के पास जमा की जाए।
अदालत के पास जमा किये जाने वाली 5,000 करोड़ रुपये सहारा की जानिब से उबूरी जमानत की शर्तो को पूरा किए जाने के बाद सेबी को जारी कर दिये जाएंगे। अदालत ने कहा कि मंगल को सहारा की जानिब से जमा की तजवीज उसने पढ़ लिया है और यह 31 अगस्त 2012 और उसके बाद दिए गए एहकाम के मुताबिक नहीं है। अदालत ने कहा कि वह सहारा ग्रूप के सरबराह और उनके दो डायरेक्टरों को जमानत देना चाहती है। बशर्ते वे सेबी के पास 10 हजार करोड़ रुपये जमा कर दें।
अदालत ने कहा, “हम उबूरी जमानत देना चाहतते हैं बशर्ते वे 10,000 करोड़ अदा करें, जिनमें से 5,000 करोड़ रुपये इस अदालत के पास जमा किए जाएं और शेष के लिए सेबी के पक्ष में देय किसी नेशनलाइज़ बैंक की गारंटी इस अदालत में जमा की जाए।”
अदालत ने कहा, “हम इस बात को साफ कर देना चाहते हैं कि यह आर्डर इसलिए दिया गया है कि बाकी बचने वाली रक़म अदा की जा सके।”
सहारा समूह के वकील ने कहा कि राय के जेल में रहते इतनी बड़ी रक़म जुटाई नहीं जा सकती. इस दलील को न्यायालय ने स्वीकार नहीं किया. सहारा ग्रूम के वकील सी.ए. सुंदरम ने यह भी गुजारिश की कि सुब्रत राय को 2,500 करोड़ रुपये जमा करने पर छोड़ दिया जाए और बक़ाया रक़म एक महीने की में जमा कर दी जाएगी। क़ाबिले जिक्र है कि सहारा ग्रूप की कंपनियों-सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड-ने 3.3 करोड़ सरमायाकारों से 24,780 करोड़ रुपये हासिल किये थे।