सुल्तानाबाद मंडल में बंधवा मज़दूर आज़ाद

सुल्तानाबाद मंडल के मौज़ा भूपतिपुर में ईंट बनाने वाले मज़दूरों को मालकीयन की तरफ से हरासाँ करने की शिकायत की गई है।

तफ़सीलात के बमूजब भूपतिपुर में रियासत उडीशा से वाबस्ता 200 से ज़ाइद ख़ानदान ईंट बनाने का काम करते हैं। ईंट की भट्टियों के मालकीयन इन मज़दूरों की बुनियादी सहूलयात फ़राहम नहीं कररहे हैं।

इस के बरख़िलाफ़ उन्हें हरासाँ-ओ-परेशान किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर उन्हें पैसे नहीं देते और जब पैसे देते हैं तो कोई हिसाब किताब नहीं होता। उनकी बीमारी का ईलाज भी नहीं किया जाता। काम करने का वक़्त मुक़र्रर नहीं है और औरतों के साथ बदतमीज़ी भी की जाती है। इन मज़दूरों का कहना हैके बाज़ औरतों की इस्मत रेज़ि भी की गई है लेकिन ये लोग बेबस-ओ-लाचार होने की वजह से एहतेजाज भी नहीं करसकते और उन से बंधवा मज़दूरों जैसा बरताओ किया जाता है

जिस से वो छुटकारा चाहते हैं। जब उन पर ज़ुलम हद से ज़्यादा होगया तब ये लोग अपनी रियासत उडीशा में अपने रिश्तेदारों को फ़ोन करते हुए तफ़सीलात से वाक़िफ़ किराया जिस पर रिश्तेदारों ने फ़िलफ़ौर दिल्ली की एक रज़ाकाराना तंज़ीम से रब्त पैदा किया। इस तंज़ीम के ओहदेदार जॉर्ज अजए उन के साथ 10 अफ़राद का एक वफ़द ने करीमनगर पहुंच कर कलेक्टर से मुलाक़ात की। कलेक्टर की हिदायत पर जवाइंट कलेक्टर सरफ़राज़ अहमद की निगरानी में आर डी नारायण रेड्डी, डी एस पी वीनू गोपाल तहसीलदार रमा देवी, सी आई सीता नारायण, एस आई रामा कृष्णा, भूपतिपुर गांव पहुंच कर उडीशा के इन मज़दूरों को आज़ाद किराया। तहसीलदार कैंप ऑफ़िस मुंतक़िल किया गया।