कोर्ट अहाते में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव समेत तीन लोगों की कत्ल मामले में पुलिस ने औरंगाबाद के विशाल सिंह को गिरफ्तार किया है। उसके साथ ही पुलिस ने पूछताछ के बाद मुल्ज़िम व गैंगस्टर विकास तिवारी के वालिद शंभुनाथ तिवारी को भी जुमा को जेल भेज दिया। दोनों को इस कत्ल कांड में मुल्ज़िम बनाया गया है। ज़राये के मुताबिक, हमलावर गैंगस्टर के मोबाइल कॉल डिटेल से पुलिस विशाल तक पहुंची। सुशील की कत्ल के बाद बातचीत में विशाल सिंह का मोबाइल नंबर सामने आया।
गिरफ्तार विशाल सिंह से पुलिस को कई जानकारियां मिली है। विशाल सिंह हजारीबाग में इमली कोठी रोड में लोहार टोली चौक वाकेय सृष्टि अपार्टमेंट के तीसरे तल्ला के फ्लैट में रहता था।
डीएसपी अविनाश कुमार ने बताया कि हमलावरों के केबी खातून रास्ते से इमली कोठी तरफ भागने की इत्तिला मिली थी। पुलिस ने जांच के दौरान इमली कोठी रोड वाकेय सृष्टि अपार्टमेंट पहुंची। वहां के केयर टेकर सुरेंद्र गुप्ता के रजिस्टर की जांच की।
अपार्टमेंट (नंबर 303) अजय कुमार मल्होत्र का है। इसी फ्लैट को भाड़े में विशाल सिंह ने लिया था। विशाल सिंह ने फोन के लिए जनहित लोक पुंदरी अदारे के सेक्रेटरी ओमप्रकाश राणा के सिम का इस्तेमाल करता था। गुजिशता छह माह से सिम विशाल सिंह के पास था। जनहित लोक अदारे का सदर भी विशाल सिंह है। सेक्रेटरी ओमप्रकाश राणा ने पुलिस को बताया कि अदारा का सदर बनने के लिए विशाल ने हमलोगों को झांसा दिया। और सिम भी ले लिया। इसी सिम से वह गैंगस्टर विकास तिवारी व दीगर लोगों से बात करता था। पुलिस ने बताया कि विशाल सिंह पतरातू भी जाया करता था। साबिक़ में विशाल सिंह धोखाधड़ी मामले में भी जेल जा चुका है। जेल में ही मुजरिमों से राब्ता होने की बात पुलिस ने बतायी।
डीएसपी अविनाश ने बताया कि विकास तिवारी के वालिद शंभुनाथ तिवारी की मौजूदगी में सुशील श्रीवास्तव की कत्ल की मंसूबा बनी थी। 15 दिन पहले पतरातू वाकेय विकास तिवारी के रिहाइशगाह पर बैठक हुई थी। इसमें भोला पांडेय और किशोर पांडेय की कत्ल का बदला लेने की मंसूबा बनी थी। डीएसपी ने दावा किया कि कत्ल के पीछे शंभुनाथ तिवारी का भी हाथ है। वह विकास तिवारी और उसके साथियों को मदद करता था।