सुशील कुमार मोदी के वज़ीरे खज़ाना रहते खजाने को छह साल में करीब 50 करोड़ का नुकसान हो गया। हैरान करनेवाली बात यह है कि कैबिनेट की बगैर मंजूरी के गलत नोटिफिकेशन निकल गया और इससे नुकसान खजाने को हुआ। लेकिन, फायदा स्टोन चिप्स, स्टोन बोल्डर्स और स्टोन बैलेट्स का कारोबार करनेवालों को मिल गया। अब कोई यह कबूल करनेवाला नहीं है कि इसकी भरपाई कौन करेगा और इसकी जिम्मेदारी किस पर तय होगी? जबकि सुशील कुमार मोदी का कहना है कि इसके लिए अफसर जिम्मेदार हैं। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।
रियासती हुकूमत ने करीब छह साल दो महीने बाद एक नया नोटिफिकेशन जारी कर गलती दूर कर दी है। पर, इस गलती से हुए नुकसान की जवाबदेही तय नहीं की गयी है। यह मामलाकमर्शियल टैक्स महकमा का है। तब यह महकमा भाजपा के सुशील कुमार मोदी के पास था। इस महकमा ने 13 सितंबर, 2007 को एक नोटिफिकेशन निकाल कर स्टोन चिप्स, स्टोन बैलेस्ट और स्टोन बोल्डर्स को वैट की फेहरिस्त सामानों की लिस्ट से बाहर कर दिया। इससे उस पर लगनेवाला टैक्स 12.5 फीसद से घट कर सीधे चार फीसद हो गया। चौंकानेवाली बात यह है कि इन सामानों पर टैक्स कम करने के बारे में कोई तजवीज कमर्शियल टैक्स महकमा ने कैबिनेट को भेजा ही नहीं था। इसके बारे में खज़ाना महकमा से भी किसी तरह की मंजूरी नहीं ली गयी थी। ऐसे में नोटिफिकेशन कैसे जारी हो गया, यह भी राज़ का मौजू है। लेकिन, 2007 से इस साल 12 नवंबर तक वह नोटिफिकेशन वजूद में रहा।
जानकारों का अंदाज़ा है कि छह साल दो महीने की वक़्त मुद्दत में 50 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया। इस साल कैग की रिपोर्ट में भी इस मामले को मरतब किया गया था। रिपोर्ट में अंदाजा लगाते हुए कहा गया है, 2007 के अक्तूबर से 2012 के जुलाई तक इससे 43.96 करोड़ के आमदनी का नुकसान हुआ। कैग ने यह ज़िक्र किया है कि कमर्शियल टैक्स महकमा से यह नोटिफिकेशन कैबिनेट की बिना मंजूरी के निकला था।
मेरी कोई किरदार नहीं : मोदी
मौजूदा खज़ाना वज़ीर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी होने में वज़ीर की कोई किरदार नहीं होती। महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के सतह से ही नोटिफिकेशन निकलता है। कैग ने इससे जिस घाटे की बात कही है, उसमें दम नहीं है। उनका कहना है कि मान लीजिए शराब दुकानों की बंदोबस्ती जितनी तादाद में होनी थी, वह नहीं हुई। कैग ने बंदोबस्ती नहीं होने को नुकसान बताया है। यह बात बिल्कुल सही है कि नोटिफिकेशन गलत था। कैग ने जब इस पर एतराज़ की, तो महकमा की तरफ से जवाब भी दिया गया था। मालूम हो कि जब नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तब महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी शुभकीर्ति मजूमदार थे। अब वह रिटायर हो चुके हैं।
मोदी ने कहा कि बगैर कैबिनेट की मंजूरी के नोटिफिकेशन जारी होने की बात सामने आने पर कमर्शियल टैक्स महकमा की तरफ से कैग को बताया गया था कि इस गलती को सुधारा जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि इस चूक से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन होगा, तो उनका कहना था कि इसे हुकूमत को तय करना चाहिए।