आगामी लोकसभा इंतिख़ाब लीडरशिप, इकतीदार, मुयाईशत और बदगुमानी के मसले पर होगा। इन मसलों का सामना कांग्रेस नहीं कर सकती। यही वजह है कि वह लोगों का जेहन इस तरफ से हटा कर सेकुलरिज़्म की आड़ में इकतीदार की सियासत कर रही है। ये बातें जुमा को भाजपा के क़ौमी तर्जुमान सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी की मीडिया वर्कशॉप में कहीं। भाजपा विधानमंडल दल के लीडर सुशील मोदी ने कहा कि अगर वे सियासत में नहीं आते, तो नगमा निगार होते। सियासत और मीडिया का रिश्ता चोली-दामन का है।
सहाफत में आला असुलों के मुताबिक काम होना चाहिए। एसेम्बली में अपोजीशन के लीडर नंद किशोर यादव ने कहा कि मीडिया सेल के ओहदेदारों को निगेटिव खबरों पर नजर रखनी होगी। रियसती सदर मंगल पांडेय ने कहा कि मीडिया वर्कशॉप के एंकाद से पार्टी तर्जुमानों और इंचार्जों को नयी जानकारियां मिलती हैं।
मौके पर क़ौमी मीडिया इंचार्ज श्रीकांत शर्मा, बिहार भाजपा के चीफ़ तर्जुमान विनोद नारायण झा, साबिक़ वज़ीर गिरिराज सिंह, विधान पार्षद किरण घई, रियसती तर्जुमान संजय मयूख, सुरेश रूंगटा, विजय कुमार सिन्हा और अजफर शम्सी वगैरह मौजूद थे।