बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के खाने की खराब गुणवता को लेकर जारी वीडियो से देश में हंगामा खड़ा हो गया है। बीएसएफ ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है,हालांकि मामले की उच्च स्तरीय जांच जारी है। दूसरी तरफ एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। बीएसएफ कैंपो के आसपास रहने वाले लोगो का दावा है कि कुछ अधिकारी उन्हें फ्यूल और राशन का सामान मार्केट से आधे दाम पर बेंचते हैं।
सोशल मीडिया में बीएसएफ के जवान का वीडियो में जवान ने इस बात का जिक्र भी किया है। उन्होंने वीडियो में दावा किया था कि सरकार राशन का पर्य़ाप्त समान भेजती है,स्टोर्स भरे पड़े हैं मगर अधिकारी समान को सैनिकों तक नहीं पहुंचने नहीं देते है और बाहर के बाजार में बेंच देते हैं।
नवभारत टाईम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ जवान और श्रीनगड़ स्थित हुमहमा बीएसएफ हेडक्वार्टर के आसपास रहने वाले स्थानीय कुछ लोगों का दावा है कि एअरपोर्ट के आसपास रहने वाले दुकानदार, कुछ बीएसएफ अधिकारियों द्वारा बेचे जाने वाले ईंधन के प्रमुख खरीददार रहे हैं। नाम ना उजागर करने की शर्त पर एक बीएसएफ जवान ने रिपोर्टस को बताया कि ये अधिकारी स्थानीय बाजारों में राशन खाने पीने की चीजे बेंच देते हैं। हम तक समान पहुंच ही नहीं पाता। यहां तक की हमारी रोजमरर्रा इस्तेमाल की चीजे भी नहीं मिल पाती और वे बाहर अपने एजेंट के ज़रिये अपने एजेंट के माध्यम बाहर के मार्केट में बेच देते हैं।
इलाके के एक ठेकेदार ने बताया हमें मार्केट से आधे दाम पर हुमहुमा कैंप से कुछ अधिकारियों से डीजल और पेट्रोल मिल जाते हैं। इसके अलावा राशन में चावल, मसाले दाल बेहद कम दामों में मिल जाती है।
यह हाल सिर्फ बीएसएफ का नहीं है। सीआरपीएफ रे अधिकारियों का भी यही हाल है रिपोर्ट कहती है कि श्रीनगर में एक महीने पहले तक बतौर आईजी तैनात रहे। सीआरपीएफ के आईजी रविदीप सिंह साही ने कहा कि अगर किसी तरह की गड़बड़ी है, तो वह इसकी जांच कराएंगे।
आईजी रविदीप टाईम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट बताते हैं कि हमारे जवान हमारी ताकत हैं। उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने दावा किया कि सीआऱपीएफ में चीजे खरीदने का एक सिस्टम है और इसका उल्लघंन नहीं किया जा सकता।