कश्मीर में सेलाब से मुतास्सिरा इलाक़ों के मकीनों से हुक्काम ने ख़ाहिश की है कि वो आइन्दा 3 माह तक अपने घरों पर ख़ुसूसी नज़र रखें क्योंकि ज़ेर-ए-ज़मीन पानी की नक़ल-ओ-हरकत के बाइस मकानात मुनहदिम होने का ख़दशा लाहक़ है।
चीफ़ इम्जीनियर इमारात-ओ-शवारा सतीश राज़दाँ ने ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि ज़ेर-ए-ज़मीन पानी की नक़ल-ओ-हरकत से ज़मीन के नरम होजाने का अंदेशा है।
सेलाब से मुतास्सिरा इलाक़ों के अवाम बिलख़ुसूस वो लोग जिन के घर तवील अर्से तक पानी में घिरे रहे उन्हें मुहतात रहना चाहिए। उन्हों ने कहा कि आइन्दा 3 माह इंतेहाई ख़तरनाक हैं और मकीनों को चाहिए कि वो अपने घरों में किसी तरह की दराड़ और बोसीदगी पर ख़ास नज़र रखें क्योंकि इस के नतीजे में इमारत मुनहदिम होसकती है।