सेल फ़ोन मूसीक़ी (संगीत) की समाअत (सुनने) पर पंचायत का इमतिना ( प्रतिबंध/ रोक)

लखनऊ, २१ सितंबर ( एजेंसी) ज़िला सहारनपूर के मौज़ा घटमपुर की पंचायत ने सेल फ़ोन पर मूसीक़ी ( गाने) सुनने वालों के ख़िलाफ़ एक अनोखा क़दम उठाया है । मूसीक़ी सुनने वाला चाहे लड़का हो या लड़की अगर वो पंचायत की नज़र में आ गए तो उन्हें ब तौर सज़ा पाँच बार जूते मारे जाएंगे और साथ ही साथ 1500/-रुपय जुर्माना भी आइद किया जाएगा ।

पंचायत ने ये फ़ैसला नई नसल को मग़िरब ज़दा फ़हश ( अश्लील) मूसीक़ी ( धुन/ गाने) की समाअत से बाज़ रखने के लिए किया है । दरीं असना सरपंच मुहम्मद अय्यूब ने कहा कि मुक़ामी मस्जिद में मुनाक़िदा ( आयोजित) एक इजलास ( सभा) के दौरान ये फ़ैसला किया गया ।

उन्हों ने कहाकि मूसीक़ी सुनने में नौजवान नसल इस क़दर महव (तल्लीन, व्यस्त) . हो जाती है कि उसे ट्रैफिक का भी ख़्याल नहीं रहता और साथ ही साथ ख़ानगी ( निजी) रेडीयो स्टेशनों की नशरियात (प्रसारण) सुन कर उन के अख़लाक़ भी बिगड़ते जा रहे हैं और लड़का और लड़की के सेल मिलाप के लिए उन की हिम्मत अफ़्ज़ाई करते हैं ।

मग़िरबज़दा तहज़ीब वे हमारी नौजवान नसल को बचाना हमारा फ़र्ज़ है । फ़हश ( अश्लील गानो) मूसीक़ी के इलावा फ़हश ( अशलील) एम एम एस शराब-ओ-सिगरेट नोशी ख़वातीन के अकेले बाज़ारों में निकलने पर भी पंचायत ने इमतिना आइद ( रोक लगा दिया है) कर दिया है ।

यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्पी से ख़ाली ना होगा कि मीडीया और ख़वातीन की तंज़ीमों ने पंचायत की इन हिदायतों को सख़्त बुराईयों से ताबीर करने के इलावा पंचायत को तालिबानी पंचायत से मौसूम ( नाम रखा गया है) किया है लेकिन दूसरी तरफ़ ये बात भी काबिल-ए-ग़ौर है कि पंचायत के इस हुक्म की किसी भी गाँव वाले ने मुख़ालिफ़त ( विरोध) नहीं की है ।

जिस से ये वाज़िह (स्पष्ट) हो जाता है कि गाँव वाले भी नौजवान नसल की इस्लाहात के ख़ाहां हैं ।