बर्तानिया में मुक़ीम सैंकड़ों हिंदूस्तानी और पाकिस्तानी शहरीयों ने मशालें उठाए और बयानरस थामे हुए स्याह पट्टियां बांध कर 23 मार्च को हिंदूस्तानी हाई कमीशन बराए बर्तानिया के रूबरू अनोखे अंदाज़ का एहतिजाज करते हुए शब बेदारीकी।
ये एहतिजाज दिल्ली पुलिस के ख़ुसूसी शोबा के हाथों नई दिल्ली के मशहूर सहाफ़ी सय्यद अहमद काज़मी की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ एक मुनफ़िरद , पुरअमन और तारीख़ी एहितजाजी मुज़ाहरा था। तमाम एहितजाजी काज़मी की रिहाई का मुतालिबा कररहे थे और इल्ज़ाम आइद कर रहे थे कि काज़मी को झूटे और बे बुनियाद इल्ज़ामात पर ज़ेर-ए-हिरासत रख कर तशद्दुद का निशाना बनाया जा रहा है।
काज़मी की गिरफ़्तारी की मुत्तफ़िक़ा तौर पर मुज़म्मत करने वालों में बहुत सी मशहूर और आला सतही शख़्सियात बिशमोल मज़हबी रहनुमा , तबक़ाती क़ाइदीन और पूरे बर्तानिया से इस एहतिजाज में शिरकत केलिए आने वाले सिविल सोसाइटी के सीनीयर अरकान शामिल थे। मुज़ाहिरीन ने इल्ज़ाम आइद किया कि काज़मी की गिरफ़्तारी दिल्ली में ताक़तवर अमरीकी और इसराईली लॉबी के अहकामात पर अमल में लाई गई है।
इस्लामी इंसानी हुक़ूक़ कमीशन के सरबराह-ओ-तर्जुमान रज़ा काज़मी ने कहा कि बेक़सूर मुस्लमानों को चुन चुन कर गिरफ़्तार करना हिंदूस्तान के मफ़ाद में नहीं है। शब बेदारी में शरीक तलबा-ए-और कारकुनों ने गिरफ़्तारी की इत्तिला परशदीद रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया कि इसराईली महिकमा सुराग़ रसानी मोसाद काज़मी से तफ़तीश कर रहा है।
एक एहितजाजी ने सवाल किया कि इसराईली सुराग़ रसानी की ख़िदमात हासिल करने का क्या मक़सद है जबकि इसराएल मग़रिबी एशिया में गै़र क़ानूनी जासूसी कार्यवाईयों और जंगी जराइम केलिए बदनाम है। इस महिकमा ने बैरून-ए-मुल्क भी घनाउनी साज़िशों के ज़रीया कई अहम शख़्सियात का क़तल किया है।