नई दिल्ली, 02 मई: हुकूमत ने आज बी जे पी लीडर सुषमा स्वराज की इस दलील को कि सोनीया गांधी ने लोक सभा में उन्हें बोलने से रोक दिया सरासर बे बुनियाद है और इस इल्ज़ाम को मुस्तर्द कर दिया जाता है। हुकूमत का कहना है कि सुषमा स्वराज का रेमार्क सदर कांग्रेस पर शख़्सी हमला, ग़ैर मुंसिफ़ाना और नापसंदीदा है जिस की मुज़म्मत की जाती है। वज़ीर फ़ैनांस पी चिदम़्बरम और वज़ीरे इत्तेलाआत-ओ-नशरियात मनीष तीवारी ने कहा कि सुषमा स्वराज की दलील लोक सभा की वीझ़ोल कार्रवाई के ज़रिये काबिल-ए-एतिबार नहीं है।
ये बड़े अफ़सोस की बात है कि उन्होंने इस तरह के घटिया इल्ज़ाम लगाए हैं। पी चिदम़्बरम ने कहा कि उन्हें अभी उम्मीद है कि बी जे पी अपने फ़ैसले पर दुबारा ग़ौर करेगी कि वो लोक सभा स्पीकर मीराकुमार और पारलिमानी उमूर के वज़ीर कमल नाथ की जानिब से तलब किए हूए इजलास में शिरकत नहीं करेंगी। ये इजलास ज़ेरे अलतवा एवान की कार्रेवाइयों को 10 मई को ख़त्म होने वाले बजट सैशन से पहले पूरा कर लेने के लिए तबादला-ए-ख़्याल करने तलब किया गया है।
चिदम़्बरम ने प्रेस कान्फ़्रेंस में कहा कि में एवान में मौजूद था और मेरे दीगर साथी भी वहां मौजूद थे इस एवान की सारी कार्रवाई को उस वक़्त ब्रॉडकास्ट किया गया है। उस दिन बाज़ चियानलों ने टैली कासट भी किया था इस में ऐसा कोई मंज़र दिखाई नहीं दिया कि जिस से साबित होसके कि सदर कांग्रेस सोनिया गांधी ने सुषमा स्वराज को कुछ कहने से रोक दिया या ऐसी कोई हरकत की कि उन्हें तक़रीर से रोका जा सके।
सुषमा स्वराज के ये इल्ज़ाम सरासर बे बुनियाद हैं। सुषमा स्वराज अपोज़ीशन लीडर हैं उन्होंने लोक सभा में अपनी तक़रीर को दरमियान में ही ख़त्म कर दिया था और इल्ज़ाम लगाया था कि उन्हें तक़रीर से रोक दिया गया था, क्योंकि सोनिया गांधी ने वुज़रा को इश्तिआल दिलाया और उन्हें उकसाया था। मनीष तीवारी ने कहा कि ये अफ़सोस की बात है कि स्वराज ने गांधी पर इस तरह ज़ाती हमले किए हैं जिस की मज़म्मत की जाती है।