हैदराबाद 28 जून: चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी तीन दिन तक दिल्ली में क़ियाम के बावजूद सोनिया गांधी से मुलाक़ात किए बगै़र हैदराबाद लैट गए।
बावसूक़ ज़राए के बमूजब सोनिया गांधी वाअदे के मुताबिक़ तेलंगाना रियासत की तशकील के हक़ में हैं और रोड मयाप तैयार करने की उन्होंने कांग्रेस कोर कमेटी को हिदायत दी है, ताहम चीफ़ मिनिस्टर, सीमा आंध्र से ताल्लुक़ रखने वाले मर्कज़ी वुज़रा और कांग्रेस अरकान-ए-पार्लीमैंट इसके ख़िलाफ़ हैं और तेलंगाना के हक़ में फ़ैसला किया गया तो मुक़ामी इदारों के चुनाव में पार्टी को नुक़्सान पहुंचने का इद्दिआ कर रहे हैं।
वाज़िह रहेके तीन दिन तक चीफ़ मिनिस्टर ने सोनिया गांधी से मुलाक़ात की कोशिश की, ताहम पार्टी सदर ने उन्हें मुलाक़ात का मौक़ा नहीं फ़राहम किया।
ज़राए के बमूजब गांधी तेलंगाना का वाज़िह फ़ैसला करना चाहती हैं और सी डब्लयू सी में उसकी मंज़ूरी का मंसूबा रखती हैं, इसी लिए उन्होंने मुत्तहदा आंध्र के हामी के एस राव को सी डब्लयू सी की रुकनीयत से हट जाने का मश्वराह दिया और वो मुस्ताफ़ी भी हो गए।
पार्टी सदर ने इन का इस्तीफा कुबूल करते हुए उनकी जगह मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे को रुकन नामज़द किया है।
ज़राए के बमूजब चीफ़ मिनिस्टर ने क़ियाम दिल्ली के दौरान डि विजय सिंह, अहमद पटेल, ए के अनटोनी, चिदम़्बरम, ग़ुलाम नबी आज़ाद और दुसरे क़ाइदीन से मुलाक़ात की।
इस दौरान चीफ़ मिनिस्टर ने कोर कमेटी के अरकान से तेलंगाना पर गुफ़्तगु की और 2014 के आम चुनाव का सामना करने के लिए वज़ारत में तौसीअ और रद्दोबदल की उनसे इजाज़त तलब की।
उन्होंने तेलंगाना पर जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला ना करने का मश्वराह दिया। डिगविजय सिंह के दौरा आंध्र प्रदेश के प्रोग्राम में थोड़ी तबदीली हुई है।
पहले वो 28 जून की शाम हैदराबाद पहुंचने वाले थे, ताहम अब वो 30 जून को विशाखापटनम के दौरे के बाद 01 जुलाई को हैदराबाद पहुंचेंगे।