सोनीया गांधी के ईलाज के मसारिफ़ ( खर्चे) की सरकारी ख़ज़ाना से अदायगी की तरदीद ( खंडन)

नई दिल्ली, ०४ सितंबर (पी टी आई) सेंटर्ल इन्फ़ार्मेशन कमीशन ने आज कहा कि कांग्रेस पार्टी की सदर सोनीया गांधी अपने ईलाज के तिब्बी बिल्स की हुकूमत से बाज़ अदायगी तलब नहीं की हैं। ये वाक़िया मुरादाबाद के एक आर टी आर जहदकार नवीन कुमार की तरफ़ से दायर करदा दरख़ास्त से ताल्लुक़ रखता है, जिन्होंने वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर, क़ौमी मुशावरती कौंसल, लोक सभा सेकरेट्रेट के इलावा अमोरख़ारजा, पार्लीमान उमूर, आदाद-ओ-प्रोग्राम अमल आवरी की वज़ारतों से मिसिज़ सोनीया गांधी के ईलाज पर आइद होने वाले तिब्बी मसारिफ़ की तफ़सीलात तलब किया था।

चीफ़ इन्फ़ार्मेशन कमिशनर सतेन्द्र मिश्रा के इजलास पर समाअत ( सुनवायी) के दौरान इन वज़ारतों और इदारों ने कहा है की मिसिज़ सोनीया गांधी अपने ईलाज के बिल्स ( Bills) की बाज़ अदायगी के लिए कोई बिल या दरख़ास्त दाख़िल नहीं की हैं। मिस्टर मिश्रा ने हुक्मनामा मौरर्ख़ा 3 मई में कहा है कि मदईआन के जवाबात से ये बिलकुल वाज़िह हो जाता है कि ना ही किसी बिल की बाज़ अदायगी की गई है और ना ही किसी इन्फ़िरादी शख़्सियत की तरफ़ से इस ज़िमन में सरकारी इदारों से अदाईआत के लिए कोई दावा पेश किया गया था।

नीज़ किसी सरकारी इदारा ने इस ज़िमन में कोई ख़र्चा किया है। बह अलफ़ाज़ दीगर ये कहा जा सकता है कि इस ज़िमन में हुकूमत पर कोई मसारिफ़ आइद नहीं हुए हैं और ना ही हुकूमत कोई ख़र्चा अदा की है। मिस्टर मिश्रा ने मज़ीद कहा कि अगर किसी ने इन्फ़िरादी तौर पर इन (मिसिज़ सोनीया गांधी) के ईलाज के मसारिफ़ अदा किया है तो ये ख़ानगी मालूमात का मुआमला है जो बहरसूरत आर टी आई दरख़ास्त का मौज़ू ( विषय) नहीं हो सकता।

गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और कांग्रेस क़ाइदीन ( लीडर) के माबैन ( मुताबिक) लफ़्ज़ी जंग के तनाज़ुर ( हालात/ वातावरण) में इस मसला को नुमायां एहमीयत हासिल हो गई थी।