सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट में अमित शाह के खिलाफ याचिका ख़ारिज

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अधीन न्यायालय से सोहराबुद्दीन शेख फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मिली क्लीन चिट के फैसले पर समीक्षा निवेदन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज़ कर दिया है।

उच्च न्यायालय ने एक्टिविस्ट हर्ष मंडेर के द्वारा बीजेपी नेता की रिहाई पर किये गये समीक्षा के निवेदन की याचिका को खारिज़ कर दिया हैं। 19 अक्टूबर को न्यायपीठ एसऐ बोबडे और अशोक भूषण ने आदेश देते हुए कहा कि हमने याचिका और उसके साथ जुड़े कागजात का अवलोकन किया किसी तरह की कोई गलती नज़र नहीं आयी है बहुत छोटी सी एक भूल कागज़ात में की गयी है जिसके आधार पर समीक्षा नहीं की जा सकती है। इसलिए इस याचिका को ख़ारिज किया जाता है।

उच्च न्यायलय ने 1 अगस्त को हाई कोर्ट एवं ट्रायल कोर्ट के एनकाउंटर मामले में बीजेपी अध्यक्ष को दी गयी क्लीन चीट का समर्थन करते हुए इस फैसले की समीक्षा याचिका निवेदन को खारिज़ कर दिया।

याचिका निवेदन को खारिज़ करते हुए न्यायपीठ ने पूर्व नौकरशाह और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष वर्धन के न्यायालय में केस दर्ज कराने के अधिकार पर सवाल किया और कहा कि पीड़ित व्यक्ति का भाई खुद रुबाबुद्दीन शेख याचिका वापस लेना चाहता है।

मंडेर ने बॉम्बे हाई कोर्ट के बीजेपी नेता के रिहाई के आदेश को चुनौती दी थी। अमित शाह के अधिवक्ता वरिष्ठ वक़ील हरीश साल्वे ने उच्च न्यायालय के बहुत से फैसलों का हवाला देता हुआ कहा कि पूर्व नौकरशाह के पास तीसरा व्यक्ति होने के कारण इस केस में याचिका दर्ज करने का अधिकार नहीं है।

मंडेर की याचिका सत्र न्यायालय की खोज जिनको हाई कोर्ट द्वारा समर्थित किया गया पर सवाल उठाती है जहां पर तुलसीराम प्रजापति हत्या कांड में शाह को बरी कर दिया गया और यह करार दिया गया कि ऐसा कोई केस था ही नहीं उन पर आरोप सिर्फ राजनैतिक कारणों से लगाये गए थे।

मंडेर ने हाई कोर्ट में भी सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसको बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा इसी साल मार्च में ख़ारिज कर दिया गया था सोहराबुद्दीन एक गुंडा था जिसको 2005 में हैदराबाद से सांगली की और जाते हुए रास्ते में कथित रूप से उसकी पत्नी कौसर बी के साथ गुजरात पुलिस द्वारा अगवा कर लिया गया था और फिर बाद में उसकी हत्या कर दी गयी। तुलसीराम गुंडे का सहायक और एनकाउंटर का चश्मदीद गवाह था जिसको 2006 में पुलिस द्वारा कथित रूप से मार दिया गया।