यूरो एशियाई इलाक़ा में हिंदूस्तानी तलबा-ए-बर्दारी(स्टुडेंट्स) की कसीर तादाद में मौजूदगी के पेश नज़र हिंदूस्तान ने वस्त एशियाई ममालिक में मुतय्यन अपने सफ़ीरों से कहा है कि वो इन नौजवानों की ज़रूरियात की तकमील के लिए हमावक़त दस्तयाब रहें कियों की नाकाफ़ी तजुर्बा , रक़ूमात और मदद के एतबार से वो हमेशा ही ज़्यादा ग़ैर महफ़ूज़ रहते हैं।
ताजिकस्तान के दार-उल-हकूमत में इस इलाक़ा के 11 ममालिक में हिंदूस्तानी सिफ़ारतख़ानों के सरबराहान की कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए वज़ीर ख़ारिजा (विदेश मंत्री ) एस एम कृष्णा ने हिंदूस्तानी बिरादरी के साथ ताल मेल और उन के मसाइल की बरवक़्त यकसूई (हल)की अहमियत को उजागर किया ।
उन्हों ने कहा कि अगरचे यहां हिंदूस्तानी बिरादरी क़लील(कम) तादाद में मुक़ीम है लेकिन तलबा-ए-बिरादरी की भारी तादाद मौजूद है , जो निसबतन ग़ैर महफ़ूज़ हैं। उन्हें काफ़ी तजुर्बा नहीं है चुनांचे सिफ़ारती ज़िम्मेदारों को चाहीए कि वो उन की ज़रूरियात और तक़ाज़ों पर हस्सास(चौकन्ना) रहें।