स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड की कार्रवाई चुनाव ज़ाबता अख़लाक़ की ख़िलाफ़वरज़ी

मजलिस इत्तिहाद उलमुस्लिमीन ने स्पेशल ऑफीसर रियासती वक़्फ़ बोर्ड पर मुख़्तलिफ़ दरगाहों के मतोलयान और सज्जाद गान को हिरासाँ करने और उन के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई का इल्ज़ाम आइद किया और रियासती चीफ़ इलेक्टोरल ऑफीसर भंवरलाल से स्पेशल ऑफीसर आंध्र प्रदेश स्टेट वक़्फ़ बोर्ड शेख़ मुहम्मद इक़बाल के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का मुतालिबा किया।

सदर मजलिस-ओ-रुकन पार्लीमान हैदराबाद असद ओवैसी की ज़ेर क़ियादत एक वफ़द ने सेक्रेटेरिएट पहुंच कर रियासती चीफ़ इलेक्टोरल ऑफीसर रियासती वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से इंतिख़ाबी क़वानीन-ओ-ज़ाबता अख़लाक़ की ख़िलाफ़वरज़ी की शिकायत की।

वफ़द में सय्यद अमीन उल-हसन जाफरी रुकन रियासती क़ानूनसाज़ कौंसिल और दुसरे शामिल थे। बादअज़ां अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए असद ओवैसी ने मतोलयान-ओ-सज्जादगान के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने और हिरासाँ करने स्पेशल ऑफीसर रियासती वक़्फ़ बोर्ड के इक़दामात पर अपनी ब्रहमी का इज़हार किया और इल्ज़ाम आइद किया कि हालिया चुनाव में मजलिस की ताईद करने वाले मुख़्तलिफ़ दरगाहों के मतोलयान-ओ-सज्जादगान वक़्फ़ क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी के नाम पर ना सिर्फ़ हिरासाँ कर रहे हैं, बल्कि उन के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रियासती वक़्फ़ बोर्ड स्पेशल ऑफीसर की ये कार्रवाई सरीहन इंतिख़ाबी क़वानीन-ओ-ज़ाबता अख़लाक़ की ख़िलाफ़वरज़ी है। ओवैसी ने कहा कि 2 जून को रियासत की तक़सीम के ज़रीयये अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तशकील अमल में आने पर शेख़ मुहम्मद इक़बाल आंध्र कैडर के ओहदादार तसव्वुर किए जा सकते हैं, लिहाज़ा वो रियासती वक़्फ़ बोर्ड स्पेशल ऑफीसर की हैसियत से इस ओहदे पर फ़ाइज़ रहने तक मुख़्तलिफ़ दरगाहों के मतोलयान-ओ-सज्जादगान (बिशमोल सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत सय्यद शाह ख़ामोश(RH) मौलाना सय्यद शाह अली अकबर निज़ाम उद्दीन हुसैनी साबरी) के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का तहय्या करके हिरासाँ करना शुरू किया है।

उन्होंने इन इक़दामात की सख़्त मुख़ालिफ़त की और स्पेशल ऑफीसर रियासती वक़्फ़ बोर्ड पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो इंतिख़ाबात में बिलवासता तौर पर तेलुगु देशम को कामयाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जाता हैके असद की इस नुमाइंदगी पर रियासती चीफ़ इलेक्टोरल ऑफीसर भंवरलाल ने अपने मुसबित रद्द-ए-अमल का इज़हार किया।सदर मजलिस ने ख़बरदार किया कि दरगाहों के मतोलयान को हिरासानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।