34वें नेशनल गेम्स के लिए तकरीबन 750 करोड़ रुपये की लागत से बना होटवार वाक़ेय मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स मुनासिब देखभाल के फुकदान में खस्ता हालत में पहुंच रहा है। एक तरफ स्टेडियमों के फॉल्स रुफ गिर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनकी कुर्सियां टूट रही हैं। कांप्लेक्स के मशरिकी किनारे में वाक़ेय वेलोड्रॉम और शूटिंग रेंज की हालत सबसे खराब है। बरसात में ये दोनों स्टेडियम तालाब बन जाते हैं।
वेलोड्रॉम में चारों तरफ झाड़ियां और घास उग आये हैं। वहीं शूटिंग रेंज का अंडरग्राउंड एम्यूनिशन लोडिंग चेंबर कबाड़खाने में तब्दील हो गया है। शूटिंग ट्रैक पर घास उगे हैं। यहां के हाइड्रोलिक होल्स (जहां से टारगेट बॉल्स छोड़े जाते हैं), जंग लगने से जाम हो गये हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्कोर बोर्ड चोरी हो गयी हैं। दीमक इसके टारगेट चट कर गये हैं। इन स्टेडियमों की देखरेख के लिए जिन सेक्युरिटी अहलकारों को रखा गया है, उनकी अपनी मसला है। एक गार्ड ने बताया कि घास और झाड़ियों में सांप होने के डर से इनकी छंटाई नहीं हो पाती है। शूटिंग रेंज पूरी तरह से जंगल नजर आने लगा है।
टेनिस स्टेडियम की सीटिंग एरिया की रेलिंग में लगी लाइट्स टूटे पड़े हैं। मेन एथलेटिक्स स्टेडियम के फॉल्स रुफ लटक गये हैं। यहां के बाथरुम के बेसिन टूटे हुए हैं। स्विच बोर्ड उखड़े हुए हैं। खिड़कियों पर लगे शीशे टूटे हुए हैं और शीशों की जगह पेपर चिपका दिये गये हैं। इसी स्टेडियम के मशरिकी किनारे पर ख़वातीन पुलिस और कोबरा बटालियन के जवानों ने घेराबंदी कर बावर्ची बना ली है। मेन इंतेजामिया इमारत का एक हिस्सा गिर गया है। वीवीआइपी गेस्ट हाउस के दाखले दरवाजे पर लगे फॉल्स रुफ कुछ गिर चुके हैं, कुछ लटके हुए हैं, जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकती है।