भोपाल : स्वच्छता अभियान की वकालत करने वाले पीएम मोदी खुद को प्रधान सेवक और देश की गरीब जनता को मालिक कहते हैं| लेकिन देश में गरीब जनता के साथ कैसा सुलूक किया जा रहा है और स्वच्छता अभियान कि क्या हक़ीक़त है | इसकी एक बानगी मध्य प्रदेश के उज्जैन में देखने को मिली | स्वच्छता अभियान एक वीडियो वायरल हुआ है | इसमें खुले में शौच करने वाले एक वृद्ध से मारपीट किये जाने के साथ उसे इस बात के लिए मजबूर किया गया कि वह मल अपने हाथों से साफ करे|
28 दिसंबर को सुनहरी घाट पर हुई इस घटना में उज्जैन नगर निगम के कर्मचारियों ने वृद्ध को मल साफ करने के लिए मजबूर किया| जिस वृद्ध के साथ ये घटना हुई वह चिन्तामण जवासिया गांव का रहने वाला है | उज्जैन नगर निगम प्रशासन ने वीडियो वायरल होने के बाद तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया |ईटीवी को उज्जैन नगर निगम के आयुक्त आशीष सिंह ने बताया, हमने इस मामले में तीन कर्मचारियों सहित एक सफाई इंस्पेक्टर को निलंबित किया है| यह कार्रवाई हमने दो सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद की| इस जांच कमेटी में दो अतिरिक्त आयुक्त विशाल चौहान एवं संजय मेहता थे|
इससे पहले इस वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने रिपोर्ट मांगी थी| सिंह ने बताया कि निलंबित होने वाले कर्मचारियों में सफाई इंस्पेक्टर मुकेश सरवन और दो सफाई कर्मचारी लक्की एवं राहुल शामिल हैं |