स्वाइन फ्लू का एक मरीज रिम्स में एड्मिट, अब तक दस मिले

झारखंड में अब तक स्वाइन फ्लू के दस मरीज की शिनाख्त हो चुकी है। एक की मौत भी हो चुकी है। ये सभी रियासत से बाहर रह रहे थे। बीमारी होने पर ये अपने घर पहुंचे। बावजूद सरकारी सतह पर और आम लोग लापरवाही बरत रहे हैं। जबकि दिल्ली से हर दिन सैकड़ों लोग ट्रेन और एयरलाइंस से रांची पहुंच रहे हैं। लेकिन किसी तरह की सेक्युर्टी का इस्तेमाल वे नहीं कर रहे हैं।

हालांकि दिल्ली में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर फ्री में मास्क और एडवाइस दी जा रही है। अगर एहतियात नहीं बरती गई और लोग बेदार नहीं हुए तो रियासत को इसके एक संगीन नतीजे झेलने पड़ सकते हैं।

शुरुआत में स्वाइन फ्लू सुअर से ही इनसारों में आया था। तब इस वायरस की इतनी ताक़त नहीं थी कि यह इंसान से इंसान में फैले। लेकिन अब यह वायरस इंसान के जिश्म में डेवलप हो चुका है। अब यह स्ट्रक्चर चेंज कर एक इंसान से दूसरे में फैल रहा है। इसलिए एहतियात जरूरी है।
रिम्स में इतवार को स्वाइन फ्लू के एक मरीज को भरती कराया गया है। मरीज का नाम मुकेश कुमार है। मुकेश राजस्थान के एक कपड़ा मिल में काम करता था। वह राजस्थान में ही अपनी बहन के साथ रहता था। मुकेश की बहन की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है। मुकेश ने बताया कि राजस्थान में काफी तादाद में लोग स्वाइन फ्लू से मुतासीर हैं। इससे कई लोगों की जान जा सकती है। मैं मास्क पहन कर सफर कर रहा था। लेकिन कई लोग बिना मास्क के सफर कर रहे थे।

इसमें दो टेस्ट होते हैं। पहला है स्क्रीनिंग टेस्ट। इसमें इंसान के जिश्म में एन1 एच1 के खिलाफ एंटी बॉडी (किसी भी बीमारी के खिलाफ ब्लड उससे लड़ने का हथियार बनाता है) बन रहा है या नहीं। दूसरा आरटीपीसीआर, जिसमें स्वाइन फ्लू के वायरस को ही खोजा जाता है।