सफ़ा बैत-उल-माल की तहरीक पर राबिता-ए-मदारिस ज़िला अनंतपुर का क़ियाम

अनंतपुर १४ दिसम्बर: (फैक्स) मुफ़्ती मुहम्मद अब्दुल महीमन अज़हर अल क़ासिमी नायब सदर की इत्तिला के मुताबिक़ यक्म डसमबर सुबह 10 बजे से नमाज़ अस्र मदीना मस्जिद धर्मा वर्म में सफ़ा बैत-उल-माल इंडिया की तहरीक पर काम राबिता-ए-मदारिस इस्लामीया ज़िला अनंत पर का एक मुशावरती इजलास मौलाना ग्यास् अहमद रशादी सदर सफ़ा बैत-उल-माल की निगरानी और मौलाना बशीर अहमद हिन्दू पर की सदारत में मुनाक़िद हुआ। इस इजलास में ज़िला अनंत पर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ क़द्री, हिन्दू पर, गती, बागेपल्ली, धर्मा वर्म वग़ैरा में क़ायम 50 से ज़ाइद मदारिस इस्लामीया के ज़िम्मादारान ने अपने अपने मदरसा की नुमाइंदगी की और दीढ़ सौ से ज़ाइद उल्मा-ओ-हुफ़्फ़ाज़ ने शिरकत की। तालीम-ओ-तर्बीयत के इस्तिहकाम और मदारिस इस्लामीया के दरमयान रवाबित और इस के नफ़ाज़ की अमली शक्लों पर मुख़्तलिफ़ ज़िम्मा दारान ने तजावीज़ पेश कीं, दर्ज जे़ल तजावीज़ पर ग़ौर किया गया। तलबा को दावतों के लिए मुदर्रिसा से बाहर ना भेजा जाई, मग़रिब के बाद असातिज़ा तालीम की निगरानी करें, ख़ारिजी औक़ात में तलबा की तर्बीयत के लिए एक उस्ताज़ का तक़र्रुर किया जाई। असातिज़ा के लिए मुदरसा के क़ुरब-ओ-ज्वार में या अहाता में असातिज़ा के लिए क्वार्टर्स तामीर किए जाएं। मुहतमिम हज़रात असातिज़ा से राबिता और ज़ाबता की बुनियाद पर मुआमला रखें, तलबा से अपने बच्चों की तरह पेश आएं, मदारिस के मालिया के सिलसिला में अवाम में शऊर बेदार किया जाये, मदारिस मैं तलबा के 24 घंटा के निज़ाम में डिसिप्लिन पैदा करें, तजवीद के साथ क़ुरआन मजीद पढ़ने पर मेहनत करें, असातिज़ा की तर्बीयत के लिए इजलास मुनाक़िद करें। तलबा मदारिस के दरमयान मसाबक़त् उल-क़ुरआन मुनाक़िद किया जाई। चुनांचे बाद इजलास तए किया गया कि रबी अलाख़र मैं बागेपल्ली के मुदर्रिसा में ज़िला अनंतपुर के मदारिस के असातिज़ा का तर्बीयती इजलास मुनाक़िद होगा और जमादील आखिर में हिन्दूपूर मैं मजलिस दावत अलख़ीर के ज़ेर-ए-एहतिमाम मसाबक़तल-क़ुरआन मुनाक़िद होगा जिस में ज़िला अनंतपुर के मदारिस के तलबा हिस्सा लेंगी। बाद नमाज़ ज़ुहर दूसरी नशिस्त का इनइक़ाद हुआ जिस में मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद अशर्फ़ अली अमीर शरीयत कर्नाटक-ओ-मुहतमिम दार-उल-उलूम सबील अलरशाद बैंगलौर ने दीनी मदारिस के ज़िम्मा दारान से ख़िताब करते हुए कहा कि अय्याम तालीम की क़दर करें, तालीम के अय्याम में छुट्टी लेने के मिज़ाज को ख़तम् करें, बीमारी या क़रीबी अज़ीज़ के इंतिक़ाल पर ही छुट्टी लें, और ज़रूरत की बुनियाद पर मदारिस क़ायम करें ना कि अपनी सहूलत की बुनियाद पर, दीगर कामों को नजरअंदाज़ करें मगर तालीम को नज़रअंदाज ना करें। हज़रत क़िबला ने राबिता-ए-मदारिस के क़ियाम को ख़ुश आइंद क़रार दिया और इस तहरीक के ज़िम्मा दारान को मुबारकबाद पेश की। मौलाना अबदुस्समद रशादी, मौलाना अब्बू ताहिर क़ासिमी और मौलाना ज़ुबैर अहमद रशदी ने इस इजलास को कामयाब बनाने में अहम रोल अदा किया और मजलिस दावत अलख़ीर धर्मा वर्म के ज़िम्मा दारान की कोशिशों से ये अहम इजलास कामयाबी से हम्कनार हुआ |