हज हाउज़ में बदइंतेज़ामी, दो फ्लोर्स पर नमाज़े जुमा अधूरी रह गई

हज हाउज़ की निगहदाश्त के बारे में यूं तो वक़्फ़ा वक़्फ़ा से अख़बारात के ज़रीए हुक्काम को तवज्जा दिलाई जाती रही है लेकिन हज हाउज़ के मेनटेनेन्स के ज़िम्मेदारों की लापरवाही आज उस वक़्त बेनकाब हो गई जब नमाज़ जुमा के आग़ाज़ के साथ ही बर्क़ी की सरब्राही मुनक़ते हो गई और लाउड स्पीकर सिस्टम के ग़ैर कारकर्द होने के बाइस पहली और दूसरी मंज़िल पर नमाज़ जुमा अदा करने वाले मुसल्लियों की नमाज़ नामुकम्मल रह गई।

बताया जाता है कि हज हाउज़ के मेनटेनेन्स की ज़िम्मेदारी वक़्फ़ बोर्ड की है और बार बार बर्क़ी की सरब्राही मुनक़ते होने से निमटने के लिए एक बड़ा जेनरेटर भी नसब किया गया है, इस जेनरेटर से आला ओहदेदारों के चैंबर्स और लिफ्ट्स को मरबूत किया गया लेकिन अफ़सोस कि हज हाउज़ में वाक़े मस्जिद जेनरेटर कनेक्शन से महरूम है।

मेनटेनेन्स के ज़िम्मेदारों को कभी ये तौफ़ीक़ नहीं हुई कि वो मस्जिद की सहूलत पर तवज्जा दें। उन्हों ने लाउड स्पीकर सिस्टम को जेनरेटर से नहीं जोड़ा हालाँकि इस में कोई ज़ाइद ख़र्च या जेनरेटर पर बोझ पड़ने वाला नहीं था।

मुसल्लियों को इस बात पर एतराज़ था कि ओहदेदारों के चैंबर्स तो जेनरेटर से मरबूत हैं लेकिन मस्जिद में ये सहूलत क्यों नहीं। हालाँकि दीनी एतबार से सरकारी दफ़ातिर से ज़्यादा मस्जिद अहमीयत रखती है। नमाज़ से महरूम मुसल्लियों की बड़ी तादाद ने शाही मस्जिद बाग़े आम्मा पहुंच कर नमाज़े जुमा अदा की। बताया जाता है कि इस से क़ब्ल भी दो मर्तबा मुसल्लियों को इसी तरह की सूरते हाल से गुज़रना पड़ा था।

हज हाउज़ में लिफ़्ट के मेनटेनेन्स के इलावा सेहत और सफ़ाई के इंतेज़ामात भी इंतिहाई नाक़ुस हैं। मस्जिद का वुज़ू ख़ाना और बाथरूम इस क़दर गंदे हैं कि जिन का इस्तेमाल मुम्किन नहीं। इन उमूर पर बारहा तवज्जा दिलाने के बावजूद सफ़ाई के इंतेज़ामात पर कोई तवज्जा नहीं दी जा रही है।