हज 2015 के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हज कोटा का बहुत जल्द एलान कर दिया जाएगा और तवक़्क़ो है कि कोटा गुज़िश्ता साल के मुसावी रहेगा। सेंट्रल हज कमेटी ने 2001 मर्दम शुमारी की बुनियाद पर रियासतों को हज कोटा अलॉट करने का फैसला किया है।
तेलंगाना हज कमेटी ने तजवीज़ पेश की थी कि 2011 मर्दम शुमारी में मुस्लिम आबादी के लिहाज़ से रियासतों का हज कोटा मुक़र्रर किया जाए। गुज़िश्ता साल मुत्तहदा आंध्र प्रदेश का हज कोटा 5580 था जबकि वेटिंग लिस्ट के आज़मीन के इंतिख़ाब के बाद जुमला 6040 अफ़राद सआदते हज के लिए रवाना हुए थे।
आंध्र प्रदेश की तक़सीम और तेलंगाना रियासत के क़ियाम के बाद गुज़िश्ता साल मुक़र्रर कर्दा कोटा दोनों रियासतों में मुस्लिम आबादी के लिहाज़ से तक़सीम होगा। तेलंगाना में 55 फ़ीसद और आंध्र प्रदेश में 45 फ़ीसद हिस्सादारी का इमकान है।
इस तरह तेलंगाना के लिए हज कोटा 3,500 तक आ सकता है जो कि तेलंगाना की दरख़ास्तों के एतबार से काफ़ी कम है। स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जुमला 20,782 हज दरख़्वास्तें वसूल हुई हैं, जिन में तेलंगाना से 16947 और आंध्र प्रदेश से 3835 दरख़्वास्तें शामिल हैं।
तेलंगाना में महफ़ूज़ ज़मुराजात के तहत 1539 दरख़्वास्तें दाख़िल की गईं जिन का इंतिख़ाब क़ुरआ अंदाज़ी के बगैर होगा। उन्हों ने कहा कि क़ुरआ अंदाज़ी के बाद मुंतख़ब आज़मीन को पहली क़िस्त के तौर पर 81,000 रुपये अदा करने होंगे।
सेंट्रल हज कमेटी ने हज के जुमला अख़राजात का अभी तक ताऐयुन नहीं किया है। इस के इलावा फ़्लाईट्स के शेड्यूल को क़तईयत देना भी बाक़ी है।