हज़रत अबदुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाह ताला अनहो से रिवायत है रसूल अल्लाह सल्ल अल्लाह अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया दो आँखों को दोज़ख़ की आग छू नहीं सकती , एक वो आँख जो अल्लाह के ख़ौफ़ से रोने वाली है , दूसरी वो आँख जो मुजाहिदीन की हिफ़ाज़त में रात को जागती रहती है । ( तिरमिज़ी शरीफ़)