हज़रत मुआवीया रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है कि रसूल-ए-पाक(स०अ०व०) ने फ़रमाया , अल्लाह तआला जब किसी बंदे के साथ भलाई का इरादा करता है तो उस को दीन की समझ इनायत करदेता है ।
(बुख़ारी शरीफ़-ओ-मुस्लिम शरीफ़)
हज़रत मुआवीया रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है कि रसूल-ए-पाक(स०अ०व०) ने फ़रमाया , अल्लाह तआला जब किसी बंदे के साथ भलाई का इरादा करता है तो उस को दीन की समझ इनायत करदेता है ।
(बुख़ारी शरीफ़-ओ-मुस्लिम शरीफ़)