हदीस शरीफ

हजरत अली करमल्लाह वज्ह से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया, शाबान की पंद्रहवीं शब् (रात) आ जाए तो रात में कियाम करो और दुसरे रोज़ रोज़ा रखो (इब्न मजा)