हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया
अल्लाह तआला का इरशाद है के जब कोई बंदा मेरा ज़िक्र करता है और उसके दोनों होंट मेरे ज़िर्क्र से हिलते हैं तो मैं उसके करीब होता हूँ (इब्न मजा)
हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया
अल्लाह तआला का इरशाद है के जब कोई बंदा मेरा ज़िक्र करता है और उसके दोनों होंट मेरे ज़िर्क्र से हिलते हैं तो मैं उसके करीब होता हूँ (इब्न मजा)