हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया सफा व् मरवा की सई(सफा व् मरवा नमी दोनों पहाड़ों के दरमियान ७ चक्कर ) करने का सवाब सत्तर गुलाम आज़ाद करने के बराबर है (तिबरानी)
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया सफा व् मरवा की सई(सफा व् मरवा नमी दोनों पहाड़ों के दरमियान ७ चक्कर ) करने का सवाब सत्तर गुलाम आज़ाद करने के बराबर है (तिबरानी)