सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को दलित जाति का कहने को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग करते हुए जयपुर की एक निचली अदालत में याचिका दाखिल की है।
मिश्रा ने आदित्यनाथ पर राजस्थान की एक चुनावी रैली में बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। मिश्रा ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 295 (ए) और 298 के तहत याचिका दाखिल की गई है। अदालत मामले पर 11 दिसंबर को सुनवाई कर सकती है।
इससे पहले महासभा ने मुख्यमंत्री योगी से माफी की मांग करते हुए अगले तीन दिनों में ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी। वहीं उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने रविवार को कहा था कि समुदाय के सदस्यों को देश के सभी हनुमान मंदिरों को अपने अधिकार में ले लेना चाहिए और वहां दलितों को पुजारी नियुक्त कर देना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान के दलित होने का कथित दावा किए जाने के कुछ दिनों बाद रविवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि दलित समुदाय के लोगों को देश भर के हनुमान मंदिरों की कमान अपने हाथ में लेकर वहां पुजारियों के तौर पर दलितों की नियुक्ति करनी चाहिए।
सीएम योगी ने मंगलवार को राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था, ‘हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। बजरंग बली ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को एकजुट करने का काम किया।
साभार- ‘ज़ी न्यूज़’