अबू धाबी : फिलिस्तीन से तालुक रखने वाली एक टीचर ने 10 लाख अमरीकी डालर का :ग्लोबल टीचर अवार्ड जीता है जिसका एलान पॉप फ्रांसेस ने एक विडियो के द्वारा किया .
हन्नान अल हरूब खुद फलस्तीन के शरणार्थी कैंप में पली बढी और अब वह फलिस्तीनी शरणार्थीयों को शिक्षा देती हैं वह हिंसा से पीड़ित छात्रों को शिक्षा पर्दान करने में निर्दिष्ट रखती हैं . विजेता का एलान दुबई में एक प्रोग्राम में किया गया और ब्रिटिश राजकुमार विल्यम्ज़ ने एक विडियो के माध्यम से उन्हें मुबारकबाद दी .
हन्नान अल हरूब बैतूल हमम शरणार्थी केम्प में खेल के द्वारा बच्चों को शक्षा पर्दान करती हैं ताकि उसके दिमाग से हिंसा और तनाव खत्म हो .एवार्ड हासिल करने के बाद उन्होंने कहा कि एक फलस्तीनी महिला शिक्षिका के तौर पे मुझे इस मंच पर खड़े होने में बे हद गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने ने कहा वह इनाम के पैसे अपने छात्रों पर खर्च करेंगी.तकरीबन 40 साल की हरूब ने कहा, मैंने यह किया. मैं सफल रही, फलस्तीन जीता, हम सभी 10 लोगों को ताकत है, हम दुनिया बदल सकते हैं.
हन्नान अल हरूब ने भारत की रॉबिन चौरसिया तथा अन्य आठ को हराकर यह पुरस्कार जीता है. आज शाम सालाना वैश्विक शिक्षा और कौशल मंच के समापन पर वारके फाउंडेशन का यह पुरस्कार उन्होंने जीता. आपको बता दें कि ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ पुरस्कार के लिए अंतिम दौर में पहुंचे 10 शिक्षकों में 30 वर्षीय एक भारतीय शिक्षक भी शामिल रॉबिन चौरसिया का नाम भी शामिल था. वे मुंबई में कामतीपुर रेड लाइट जिले के लड़कियों के लिए एक गैर लाभकारी स्कूल चलाती हैं.