हमस से बाग़ीयों का इनख़ला, असद की जीत की अलामत

शोर्शज़दा शामी शहर हमस से मुसल्लह बाग़ीयों की आख़िरी गिरोह का इनख़ला दरअसल अक़वामे मुत्तहिदा की निगरानी में हुकूमत और बाग़ीयों के माबैन तय पाने वाले एक मुआहिदे के तहत मुम्किन हुआ। शाम का सरकारी मीडिया शहर हमस के दहश्तगर्दों के क़ब्ज़े से आज़ाद हो जाने का जश्न मना रहा है।

शामी वज़ीर स्याहत बशरयाज़जी ने चंद रोज़ क़ब्ल ही निहायत संजीदा लहजा में कहा था कि वो हमस में जल्द ही स्याहती सरगर्मीयों की बहार की उम्मीद करते हैं और इसी लिए बहुत ख़ुश हैं।

शाम के इस तीसरे सब से बड़े शहर से बाग़ीयों के आख़िरी बड़े दस्तों के इनख़ला के बाद दमिश्क़ हुकूमत को एक और सुनहरी मौक़ा मिल गया है कि वो अपनी फ़ौजी बरतरी और फ़तह का जश्न मना सके।