हर शोबा-ए-हयात की तरक़्क़ी के लिए सियासत के अमली इक़दामात

हैदराबाद 06 जुलाई मुहम्मद महमूद अली डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर रियासत तेलंगाना ने मुसलमानों पर ज़ोर दिया कि वो हुकूमत की फ़लाही स्कीमात से भरपूर इस्तेफ़ादा करें।

चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ मुसलमानों की मआशी, तालीमी और समाजी तरक़्क़ी के ख़ाहां हैं। चुनांचे रमज़ान के पेशे नज़र हुकूमत ने एक सौ मसाजिद में इफ़तार का इंतेज़ाम किया है।

अइम्मा मसाजिद और मज़नीन को मुशाहिरा देने का फ़ैसला किया है। इस सिलसिले में 26 करोड़ रुपये मंज़ूर किए गए। मुहम्मद महमूद अली इदारा सियासत-ओ-माइनॉरिटी डेवलपमेंट फ़ोर्म के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा 43 वा दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम से बहैसीयत मेहमान ख़ुसूसी ख़िताब कर रहे थे।

उन्होंने इदारा सियासत और ज़ाहिद अली ख़ां की बेमिसाल मिली-ओ-समाजी ख़िदमात को ख़िराज-ए-तहिसीन अदा करते हुए कहा कि हर शोबा-ए-हयात की तरक़्क़ी के लिए अमली इक़दामात का सिलसिला जारी है। हिंदुस्तान के सब ही मुस्लमान अपने बच्चों के रिश्तों के इंतेख़ाब के लिए परेशान हैं।

इस संगीन मसले को हल करने के लिए मुल्क में पहली बार सियासत और एम डी एफ़ ने दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम के आग़ाज़ के ज़रीये उम्मीद की किरण पैदा की है। ये प्रोग्राम ना सिर्फ़ हैदराबाद बल्कि दुसरे शहरों और बैरूनी ममालिक में भी मक़बूलियत हासिल करता जा रहा है।

उन्होंने इस बात का एतेराफ़ किया कि सियासत के तआवुन से शादी मुबारक स्कीम कामयाबी के क़दम चूम रही है। उन्होंने कहा कि मुस्लमान अब भी सरकारी स्कीमात से फ़ायदा उठाना नहीं चाहते, इस रुजहान को बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पिछ्ले 57 बरस से मुसलमानों के साथ शदीद नाइंसाफ़ीयां हुई हैं और उनकी मईशत को तबाह किया गया, लेकिन अब सूरत-ए-हाल में तबदीली आरही है और मुसलमानों के साथ नाइंसाफ़ी किसी भी हुकूमत के लिए महंगी साबित होसकती है।

नवाब अरशद अली ख़ां टी आर एस क़ाइद ने मेहमाने ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की। उन्होंने मुसलमानों को मश्वरह दिया कि वो समाज से जहेज़ की लानत को ख़त्म करें और शादीयों में ग़ैर ज़रूरी मसारिफ़, ग़ैर इस्लामी रिवायात और दुसरे ख़ुराफ़ात से मुसलमानों को बचाएं।

उन्होंने कहा कि हुकूमत ने शादी मुबारक स्कीम के लिए 12 करोड़ रुपये मुख़तस किए हैं, जिन से फ़ायदा उठाने की ज़रूरत है। ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर सियासत ने अपनी सदारती तक़रीर में कहा कि आज के मसहबिकती दौर में मुसलमानों का फ़रीज़ा हैके वो अपने बच्चों को अच्छी तालीम से आरास्ता करें, क्युंकि सिर्फ़ तालीम ही उन्हें बाइज़्ज़त मुक़ाम और खोई हुई इज़्ज़त वापिस दिला सकती है।

अगर मुस्लमान तालीम-ए-याफ़ता बन जाएं तो दुसरे मसाइल ख़ुदबख़ुद हल हो जाऐंगे। ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि तालीम के साथ साथ अपने मआशी हालात को सुधारना बेहद ज़रूरी है, क्युंकि ग़ुर्बत और ग़रीबी से कई मुश्किलात पैदा होती हैं।

उन्होंने डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर की मौजूदगी में हुकूमत से अपील की के वो मुसलमानों को तालीम और मुलाज़िमत में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने के वादे को पूरा करे। ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम के अलावा एक डिश और एक मीठा तहरीक के निहायत बेहतर नताइज बरामद हो रहे हैं।

कई मुस्लिम ख़ानदानों में जहेज़, जोड़े की रक़म और दुसरे मुतालिबात से गुरेज़ किया जा रहा है। उन्हें उम्मीद हैके जैसे जैसे क़ुव्वत ईमानी में इज़ाफ़ा होगा और मुसलमानों में शऊर पैदा होगा, वैसे एसे मुसलमानों के ये संगीन मसाइल भी हल हो जाऐंगे। इब्तिदा-ए-में आबिद सिद्दीक़ी सदर एम डी एफ़ ने कहा कि ख़्वाजा मंशन फंक्शन पैलेस में पहली मर्तबा दो बद्दू मुलाक़ात प्रोग्राम मुनाक़िद किया गया, जो इंतेहाई कामयाब रहा।