वोट देना हमारा जम्हूरी हक़ है और इससे इस्तिफ़ादा करते हुए हम ख़ुद हुकूमत साज़ी में अहम रोल अदा करते हैं जैसा कि कहा जाता है कि अवाम की हुकूमत, अवाम के लिए और अवाम की जानिब से। ये बात फरदीन ख़ान जो आजकल फ़िल्मी पर्दे पर कम नज़र आरहे हैं, ने कही जो अपना ज़्यादा तर वक़्त वो लंदन में अपनी बीवी नताशा के साथ गुज़ार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वोट देने के लिए वो ख़ुसूसी तौर पर लंदन से मुंबई आए थे क्योंकि वोट की एहमियत उनके मरहूम वालिद अदाकार डायरेक्टर फ़िरोज़ ख़ान ने उन्हें समझाई थी। मरहूम वालिद साहिब भी चाहे दुनिया के किसी भी हिस्सा में रहें, अगर मुल्क में इंतिख़ाबात का मौसम है और ख़ुसूसी तौर पर मुंबई में राय दही की तारीख़ का ऐलान होचुका हो तो वो सारे काम काज छोड़कर मुंबई आ जाते थे।
लिहाज़ा मैं ने भी ऐसा ही किया। में ही किया बल्कि में हर हिंदुस्तानी को अपने वोट का इस्तिमाल ज़रूर करना चाहिए।