नई दिल्ली: इन्फ्रोस्मेंट डायरेक्टरेट ने आज हसन अली ख़ां के ख़िलाफ़ मनी लांड्रिंग और ब्लैक मनी केस की तहक़ीक़ात में तेज़ी पैदा करते हुए तक़रीबन निस्फ़-दर्जन शहरों बिशमोल पूणे में उनके घोड़ों के फ़ार्म के मुल्क और दीगर साथीयों की क़ियामगाहों की तलाशी ली।
एजेन्सी ने साल 2011 मे ख़ान और उनके दीगर साथीयों के ख़िलाफ़ मनी लांडरिंग के इल्ज़ामात आइद किए थे और मुख़्तलिफ़ शहरों बिशमोल मुंबई, पुणे, गिर गांव और कोलकता में उनकी क़ियामगाहों और दफ़ातिर पर धावे किए थे।एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के ओहदेदारों ने बताया कि तक़रीबन 30 अहलकारों पर मुश्तमिल टीमों ने हसन अली केस में 6 शहरों पर मुहीत 9 मुक़ामात की तलाशी ली।
उन्होंने बताया कि ये कार्यवाई मज़कूरा केस के अहया और मुंबई की अदालत में ज़ेर-ए-समाआत मुक़द्दमे के लिए मज़ीद सबूतों को इकट्ठा करने की ख़ातिर शुरू की गई है ताकि इस केस को जल्द अज़ जल्द मंतक़ी अंजाम तक पहुंचाया जा सके। वाज़िह रहे कि हसन अली ख़ां मनी लांड्रिंग ऐक्ट के तहत तवील अरसे जेल में गुज़ारने के बाद गुज़िशता साल अगस्ट में ज़मानत पर रिहा हुए थे और फ़िलहाल मुंबई और पुणे में अपनी रिहायश गाहों में क़ियाम पज़ीर हैं।
वाज़िह रहे कि इन्कमटेक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी का इल्ज़ाम आइद करते हुए हसन अली ख़ां को50,000 करोड़ का टैक्स अदा करने के लिए नोटिस जारी की है जोकि इन्कमटैक्स चोरी का सबसे बड़ा केस है। उन पर पासपोर्ट ऐक्ट की ख़िलाफ़वरज़ी का भी इल्ज़ाम है जबकि एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट बैरूनी ज़ेरे मुबादला क़ानून फ़ारेक्स की ख़िलाफ़वरज़ी की तहक़ीक़ात कर रहा है जिसमें ख़ां और उनके साथी मुलव्विस हैं और ये केस साल 2011 से मुंबई की एक अदालत में है|