हाफ़िज़ सईद की हिंदूस्तान हवालगी पर इसरार

नई दिल्ली, 11 दिसंबर: ( पीटीआई) हिंदूस्तान अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के वज़ीर-ए-दाख़िला रहमान मलिक के 14 दिसंबर से शुरू हो रहे दौरे के मौक़ा पर बानी लश्कर-ए-तयबा और 26/11 मुंबई दहशतगर्द हमले के कलीदी मुल्ज़िम हाफ़िज़ सईद की हवालगी पर ज़ोर देगा ।

वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जारीया साल सितंबर में मालदीप में मुनाक़िदा सार्क बैन वज़ारती कान्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने रहमान मलिक से मुलाक़ात के दौरान वाज़िह किया था कि हाफ़िज़ सईद पाकिस्तान में आज़ादाना घूम रहा है और उसे हिंदूस्तान के हवाले किया जाना चाहीए ।

शिंदे ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि वो रहमान मलिक से बार बार ये बात कहते रहे और अब भी इसी बात पर इसरार करेंगे कि हाफ़िज़ सईद को हिंदूस्तान के हवाले किया जाए । उन्होंने बरसर-ए-आम और सरकारी सतह पर मुतअद्दिद ( कई) मर्तबा ये बात दुहराई है ।

शिंदे ने कहा कि वो दहशतगर्द हमलों में मुलव्वस रहने वालों के आवाज़ के नमूने भी हासिल करने पर ज़ोर देंगे । रहमान मलिक ने कहा कि ना सिर्फ़ मालदीप बल्कि रोम में मुनाक़िदा इंटरपोल कान्फ्रेंस के मौके पर भी उन्होंने रहमान मलिक से 26/11दहशतगर्द हमले में मुलव्वस रहने वालों की आवाज़ के नमूने फ़राहम करने की ख़ाहिश की थी ।

रहमान मलिक जब हिंदूस्तान आयेंगे तब वो ये मसला ज़रूर उठाएंगे और इस में कोई ग़लत बात नहीं है । शिंदे ने कहा कि रहमान मलिक 14 दिसंबर को यहां आ रहे हैं और वो 16 दिसंबर तक रहेंगे । मिस्टर शिंदे ने कहा कि मिस्टर मलिक 12 दिसंबर को तुर्की जा रहे हैं और उनके साथ पाकिस्तान के सदर भी होंगे ।

उन्होंने एक मकतूब में मतला किया है कि वो 14 दिसंबर को दिल्ली आएंगे और 16 दिसंबर तक तवक्कुफ़ करेंगे । मिस्टर रहमान मलिक साबिक़ा शैड्यूल के मुताबिक़ 11 दिसंबर को हिंदूस्तान आने वाले थे और 12 दिसंबर का दिन आगरा में ताज महल में गुज़ारने वाले थे जो उनकी सालगिरह का दिन भी है ।

ज़राए ने ताहम कहा कि चूँकि 13 दिसंबर को पार्लियामेंट हमला केस के 11 साल होने वाले हैं इसलिए हो सकता है कि मिस्टर मलिक ने उस दिन हिंदूस्तान में तवक्कुफ़ से गुरेज़ किया हो। हिंदूस्तान और पाकिस्तान मिस्टर मलिक के दौरा हिंदूस्तान के मौक़ा पर आज़ादाना वीज़ा के मुआहिदा पर अमल आवरी को यक़ीनी बनाएंगे ।

नया वीज़ा क़वानीन से 38 साला क़दीम वीज़ा तरीके कार को तब्दील किया जाएगा और मुक़र्ररा वक़्त में वीज़ा की मंज़ूरी और अवामता अवाम राबतों में इज़ाफ़ा को यक़ीनी बनाया जाएगा। उन्हों ने 26/11 मुक़द्दमा से मुताल्लिक़ पाकिस्तान में जारी अदालती कार्रवाई पर तब्सिरे से इनकार किया ।

उन्होंने कहा कि वो ऐसा नहीं कहते कि मुतमईन हैं लेकिन ये मुआमला चूँकि क़ानूनी नौईयत का है इसलिए वो कोई तब्सिरा नहीं करेंगे । वज़ीर ए दाख़िला मिस्टर सुशील कुमार शिंदे पार्लीयामेंट हमला केस के ख़ाती क़रार दिए गए अफ़ज़ल गुरु और दीगर छः अफ़राद की सज़ा ए मौत पर दरख़ास्त रहम का पार्लीयामेंट सेशन के जारीया सरमाई इजलास के बाद जायज़ा लेंगे ।

उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ़ अफ़ज़ल गुरु की दरख़ास्त रहम का जायज़ा ही नहीं लेना है बल्कि उनके पास दरख़ास्त रहम की सात फाईलें हैं। वो पार्लीयामेंट सेशन के इख्तेताम के बाद इन फाईलों का जायज़ा लेंगे । पार्लीयामेंट के सरमाई इजलास का 20 दिसंबबर को इख्तेताम अमल में आएगा। अफ़ज़ल गुरु की दरख़ास्त रहम को सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी ने नज़र ए सानी के लिए वज़ारत-ए-दाख़िला को वापस कर दिया है ।

2001 में पार्लीयामेंट पर हुए हमला के लिए अफ़ज़ल गुरु को सज़ा ए मौत सुनाई गई है । इस हमला में 9 अफ़राद हलाक हुए थे जिनमें सेक्योरिटी फ़ोर्स अहलकार भी शामिल है । ज़ख़्मियों की तादाद 16 थी । बॉर्डर सेक्योरिटी फ़ोर्स ( बी एस एफ ) के 47 वीं यौम ए तासीस के मौक़ा पर मुनाक़िदा तक़रीब से ख़िताब करते हुए मिस्टर शिंदे ने बी एस एफ में ट्रेनिंग के आली मयारात की सताइश की और कहा कि हुकूमत फ़ोर्स की सलाहियतों को मज़ीद बेहतर बनाने और उसे फ़न्नी तौर पर असरी बनाने के लिए हर मुम्किना मदद करेगी ।

सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि क़ौमी इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी सेंटर ( एन सी टी सी ) पर बहुत जल्द अहम पेशरफ्त की तवक़्क़ो है क्योंकि हुकूमत इसकी मुख़ालिफ़त करने वाले चीफ़ मिनिस्टर्स से बातचीत कर रही है