बाएं बाज़ू की जमातें जो नए सदर के इंतेख़ाब के लिए ज़्यादा से ज़्यादा इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करने की वकालत कर रही हैं । अगर कांग्रेस की जानिब से नायब सदर जम्हूरीया हामिद अंसारी जैसे किसी नाम की पेशकशी की सूरत में इन की ताईद से गुरेज़ नहीं करेगी । सी पी आई (एम) के जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करत ने अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि बाएं बाज़ू की जमातें चंद दूसरी जमातों के साथ ग़ैर रस्मी बातचीत कर रही हैं और सदारती उम्मीदवार पर इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करने की कोशिश की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि बाएं बाज़ू की जमातें जो जुमा को सदारती उम्मीदवार के बारे में ख़ुद अपने दरमयान मुज़ाकरात करेंगे लेकिन साबिक़ अब्दुल कलाम की ताईद नहीं की जाएंगी जिन की माज़ी के सदारती इंतेख़ाबात में भी उन्होंने मुख़ालिफ़त की थी । सी पी आई के क़ौमी सेक्रेटरी डी राजा ने मुजव्वज़ा इजलास की तौसीक़ करते हुए कहा कि 4 मई को इजलास मुनाक़िद होगा जिस में इबतिदाई मुशावरत होगी । ये पहला मौक़ा है कि हम इस मसला पर तबादला-ए-ख़्याल करेंगे ।
बाएं बाज़ू की जमातें डाक्टर अब्दुल कलाम के नाम की इब्तदा-ए-से मुख़ालिफ़त कर रही हैं क्योंकि बी जे पी ने इन का नाम पेश किया था 2002 के सदारती इंतेख़ाबात में बाएं बाज़ू की जमातों ने सुभाष चंद्रा बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की एक सरकर्दा सिपाही कैप्टन लक्ष्मी हेंगल को डाक्टर अब्दुल कलाम के मुक़ाबिल नामज़द किया था ।
दरअसल यू पी ए I में जब हुकूमत को बाहरी हलीफ़ों की ताईद दरकार थी । मिस्टर हामिद अंसारी नायब सदर मुंतख़ब होने से क़ब्ल बाएं बाज़ू जमातों के मंज़ूर-ए-नज़र थे । इंतेख़ाबात को मल्हूज़ रखते हुए कांग्रेस ने हनूज़ सदारती उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है । लेकिन बाएं बाज़ू जमातों के ज़राए ने कहा कि वो इस ज़िमन में कांग्रेस से रुजू नहीं होंगी ।