सियाचिन की जीत में हीरो रहे लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून के पोते ने पाकिस्तानी लड़की का दिल जीत लिया। दोनों की शादी की तकरीब सेक्टर-17 के ताज होटल में रखा गया, जिसमें दुल्हा और दुल्हन को मुबारकबादी देने के लिए ले. जनरल हून भी पहुंचे।
शादी के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए ले. जनरल हून ने कहा कि पड़ोसी मुल्क से रिश्ता सुधारने का यह भी एक अच्छा तरीका है। उन्होंने बताया कि उनके पोते कर्णव प्रताव सिंह को पाकिस्तान की रहने वाली शामिया सिद्दीक पसंद आ गई और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।
इसके बाद दोनों खानदान भी इसके लिए राजी हो गए। शादी की तकरीब में हरियाणा, पंजाब और ट्राइसिटी के कई सियासदां के के खानदान से जुड़े लोग, बिजनेस फैमिली, डिफेंस से जुड़े लोग शामिल हुए।
तकरीब खास तौर पर एमएलए राणा सोढ़ी, केवल ढिल्लो, गुरजीत राणा भी मौजूद थे। तकरीब में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से भी कई मेहमान आए हुए थ्रे।
शादी की तकरीब को लेकर पूरे दिन अफवाह उड़ती रही कि पाकिस्तानी लड़की वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ के भाई की बेटी है, लेकिन ले. जनरल हून ने इसे कोरी अफवाह बताया।
उन्होंने कहा कि लड़की न तो पाकिस्तान के किसी सियासतदां घराने से है और न ही किसी आर्मी बैक ग्राउंड के खानदान से ताल्लुक रखती है। तकरीब की कवरेज के लिए मीडिया भी पहुंचा हुआ था, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई।
जनरल हून ने बताया कि उनका पोता कर्णव प्रताप सिंह और उनकी बहू शामिया सिद्दीक की मुलाकात कुछ दिन पहले दुबई में हुई थी। उसके बाद से दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और बात शादी तक पहुंच गई। 27 साला कर्णव और शामिया दोनों ही पेशे से बिजनेसमैन हैं।
शामिया का खानदान लाहौर के 705 स्ट्रीट नंबर 72, सादीक ट्रेंड सेंटर मेन बुलवार्ड, गुलबर्ग में रहता है। शामिया के खानदान का रियल एस्टेट के साथ ही और भी दूसरे कारोबार है। बताया जा रहा है कि शामिया के वालिद लाहौर के जाने-माने बिजनेसमैन भी हैं।
कर्णव और शामिया ने कोर्ट मैरिज पंचकूला में की। दोनों की मैरिज डिप्टी कमिश्नर आफिस में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की गई। इस एक्ट के तहत पंचकूला कमिश्नर को इख्तेयार हासिल है। डिप्टी कमिश्नर आफिस की ओर से एक महीने पहले पब्लिक नोटिस भी जारी हुआ था।
उसके बाद जुमे कॆ दिन दोनों कानूनी तौर पर शादी के बंधन में बंध गए। दरअसल कर्णव की रिहायश भी पंचकूला की है, इसलिए कोर्ट मैरिज पंचकूला में ही करनी पड़ी।
लेफ्टिनेट जनरल पीएन हून हिंदुस्तानी फौज और मुल्क का एक जाना पहचाना चेहरा है। साल 1983 में सियाचिन की चोटी को हिंदुस्तान ने अपने कब्जे में लेने की कोशिश शुरू किए थे।
इस चोटी पर पाकिस्तान भी कब्जा करना चाहता था, लेकिन ले. जनरल हून को खुफिया ज़राए से पाकिस्तान की नापाक हरकत की खबर पहले ही मिल गई। उसके बाद हून की कियादत में हिंदुस्तानी फौज ने सियाचिन की चोटी पर कब्जा कर लिया था।
————बशुक्रिया: अमर उजाला