पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी [पीटीआइ]के सदर इमरान खान को मुल्क के वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ का नरेंद्र मोदी की हलफ बरदारी की तकरीब में हिस्सा लेना पसंद नहीं आया और इमरान ने इसपर तन्कीद करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते हिंदुस्तान में शरीफ से स्कूली बच्चे जैसा सुलूक किया गया।
पार्लियामेंट के बाहर पीर के रोज़ सहाफियों से मुखातिब इमरान ने कहा कि शरीफ का अपने कारोबारी बेटे हसन नवाज के साथ हिंदुस्तानी स्टील टायकून सज्जन जिंदल के घर जाना दिखाता है कि हिंदुस्तान के दौरे के दौरान उनकी तरजीहात कुछ और ही थीं।
मगरिबी ममालिक में कोई भी लीडर इक्तेदार में रहने के दौरान ऐसा नहीं करता। शरीफ के पास जिंदल के नई दिल्ली वाके घर में जाने का वक्त था लेकिन वे हुर्रियत कांफ्रेंस के लीडरों से मिलने का वक्त नहीं निकाल सके। इमरान ने इल्ज़ाम लगाया कि नई दिल्ली में हुर्रियत के नुमाइंदो से न मिलकर वज़ीर ए आज़म ने कश्मीर मुज़ाकरात को मुतास्सिर किया है।
इससे पहले कौमी सेक्युरिटी और बैरूनी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सफाई दी थी कि शरीफ हुर्रियत के लीडरों से नहीं मिले क्योंकि वह एक तकरीब में हिस्सा लेने के लिए हिंदुस्तान गए थे। शरीफ का दौरा हिंद नाकाबिल ऐतबार था। किसी पाकिस्तानी लीडर को इस तरह हलफ बरदारी की तकरीब में पहली बार बुलाया गया था।
इस दौरे से किसी ठोस कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी है। हलफ बरदारी के अगले दिन शरीफ ने नई दिल्ली में मोदी के साथ दोतरफा मुज़ाकरात किये थें | इस दौरान सरहद पार दहशतगर्दी पर भी बातचीत हुई थी। दोनों लीडरों ने रज़ामंदी जताया था कि दहशतगर्द उनके लिए फिक्र का मौज़ू है।