हिंदुस्तान को चाहीए कि वो अपने हस्सास समझे जाने वाले शोबे जैसे फाइनेंस , दिफ़ा, एटमी तवानाई और रास्त गैर मुल्की सरमाया कारी भी पूरी तरह खोल दे। अमरीका के दानिश्वरों की एक तंज़ीम ने एक पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि अमरीका और हिंदुस्तान नाकामी के मुतहम्मिल नहीं हो सकते क्यूंकि एशिया में तवाज़ुन क़ुव्वत अपने हक़ में बरक़रार रखना इंतिहाई अहमियत रखता है।
तंज़ीम ने कहा कि हिंद रिपोर्ट के बमूजिब ऐसी कोई ठोस वजह नहीं है कि ममलिकत हिंदुस्तान अपने मफ़रूज़ा हस्सास शोबे जैसे मालिया , दिफ़ा और एटमी तवानाई रास्त सरमाया कारी के लिए ना खोले।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीकी इंतिज़ामीया हालिया बर्सों में हिंदुस्तान को कह चुका है कि या तो उसे अपनी हिक्मतअमली पर क़ाबू पाना होगा यह फिर चीन के साथ दिफ़ाई शराकतदारी करना होगा।
अमरीकी हिक्मत अमली हिंदुस्तान के बारे में ये मक़सद रखती है कि हकूमत हिन्द चीन के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई ना करे।