वाशिंगटन, 2 फ़बरोरी (पी टी आई) ये निशानदेही करते हुए कि हिंदूस्तान अपनी सरहद पर चीन की नक़ल-ओ-हरकत के ताल्लुक़ से मुसलसल फ़िक्रमंद होता जा रहा है, एक आला अमरीकी एन्टुली जेन्स ओहदेदार ने कहाकि हिंदूस्तानी आर्मी अपने आप को चीन के साथ महदूद लड़ाई के लिए ताक़तवर बना रही है।
हिंदूस्तान और चीन के दरमयान कशीदगी को घटाने के मक़सद से आम ब्यानात के बावजूद हमारी राय है कि हिंदूस्तान अपनी मुतनाज़ा सरहद पर चीन के मौक़िफ़ के ताल्लुक़ से मुसलसल फ़िक्रमंद है और बीजिंग का बहर-ए-हिंद और एशीया । पेसेफिक ख़ित्ते में जारिहाना मौक़िफ़ भी इस के लिए तशवीश का बाइस है,
ये बात डायरैक्टर नैशनल एन्टुली जेन्स जेम्स कल्ला पर ने सनीट की मुंतख़ब कमेटी बराए एन्टुली जिन्स के रूबरू अपने हलफ़िया ब्यान में कही। उन्हों ने बताया कि हिंदूस्तानी आर्मी के ख़्याल में बड़े पैमाना पर चीन । हिंद लड़ाई का इमकान नहीं है लेकिन हिंदूस्तानी मिल्ट्री अपनी फोर्सेस को तक़वियत दे रही है ताकि मुतनाज़ा सरहद के पास महदूद लड़ाई के लिए तैय्यारी की जा सके और बहर-ए-हिंद में चीनी ताक़त में अज़ाफ़ा की बराबरी के सिलसिला में भी काम कररही है।
कल्ला पर ने कहाकि हिंदूस्तान ने मशरिक़ी एशीया में ताक़तवर अमरीकी मिल्ट्री मौजूदगी और एशीया में अमरीकी मशग़ूलियत के लिए अपनी ताईद का इज़हार किया है। उन्हों ने कहाकि 2011 में चीन ने बज़ाहिर जारिहाना बरताओ इख़तियार करते हुए अपनी ख़ारिजा पालिसी में गुज़श्ता साल के मुक़ाबिल तबदीली लाई।