‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की फिराक में है बीजेपी: ओवैसी

हैदराबाद: एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर समान नागरिक संहिता के नाम पर भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा है कि बीजेपी सिर्फ आरएसएस के एजेंडे  ‘हिंदू राष्ट्र’  को लागू करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह चुनावों के दौरान किए गए वादों 1.5 नौकरियां देने, गैस और केरोसिन के दाम को विनियमित करने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने में नाकाम रही है। ओवैसी ने इस बात पर ताज्जुब जताते हुए कहा कि क्या सरकार धारा 371 को हटा सकती है जो मिजोरम और नागालैंड को सांस्कृतिक सुरक्षा व अधिकार देती है। सरकार को संविधान के 16 निदेशक सिद्धांतों में से एक शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में कई बुराइयों की जड़ है और सड़क हादसे भी सबसे ज्यादा इसी के कारण होते हैं। एनआईए  द्वारा गिरफ्तार 5 युवाओं को कानूनी सहायता मुहैया कराने पर दिए बयान पर सफाई देते हुए कहा कि जब  मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है तो उनको क्यों नहीं।  अगर मैं उन्हें कानूनी सहायता नहीं दूंगा तो अदालत उनके लिए वकील की नियुक्ति करेगी। हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी आरोपियों को कानूनी सहायता पाने का हक है।

उन्होंने कहा कि अदालत इस बात का फैसला करेगी कि वे दोषी हैं या निर्दोष।  ओवैसी ने दोहराया कि आईएस का विरोध  सबसे पहले उन्होंने ही किया था।  उन्होंने कहा कि आईएस एक आतंकवादी संगठन है और इस पर कोई दो राय नहीं हो सकती।  उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे मामले हैं जिसमें मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अदालत से वे बरी हुए हैं। उन्होंने अक्षरधाम हमले और मालेगांव हमले में गिरफ्तार किए गए मुस्लिम युवाओं का हवाला दिया, जिन्हें अदालत ने निर्दोष बरी किया था। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का काफी वक़्त जेल और अदालत का चक्कर लगाते बीता, क्योंकि वे मुस्लिम थे।