पाकिस्तान ने आज कहा कि निहायत पसंदीदा क़ौम (एम एफ़ एन) का दर्जा हिंदुस्तान को ऐसे वक़्त नहीं दिया जा सकता जबकि सरहदों पर कशीदगी पाई जाती है। वज़ीरे ममलकत बराए तालीम मुहम्मद बलीग़ुर्रहमान ने क़ौमी असेंबली को बताया कि दोनों फ़रीक़ों की 2011-12 के दौरान एम एफ़ एन मसअले पर बात-चीत मुनाक़िद होने के बाद से नुमायां पेशरफ़्त हुई है।
ताहम बलीग़ुर्रहमान ने कहा कि हिंदुस्तान को एम एफ़ एन का मौक़िफ़ ऐसे वक़्त अता करना मुम्किन नहीं जबकि सरहदों पर कशीदगी है। दोनों फ़रीक़ों ने एक दूसरे को एल ओ सी पर फ़ायरबंदी की ख़िलाफ़वर्ज़ी का मौरिद इल्ज़ाम ठहराया है।