हिंद ,चीन फ़ौजी तबादले , बहाली एतिमाद में मददगार

हिंदूस्तान और चीन के तहरीरी तआवुन से इत्तिफ़ाक़ के कई दिन बाद बीजिंग ने हिंदूस्तान के साथ अज़ीम तर फ़ौजी ताल्लुक़ात की ताईद करते हुए कहा कि दोनों ममालिक के दरमयान फ़ौजी तबादलों से एतिमाद बहाल करने में मदद मिलेगी। वज़ारत-ए-ख़ारजा चीन के शोबा एशिया के डिप्टी डायरैक्टर जनरल सुनवई डांग का ये तबसरा सदर चीन होजनताउ के चहार शंबा के दिन दौरा हिंद से ऐन कब्ल मंज़रे आम पर आया है।

सदर चीन ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, हिंदूस्तान, चीन और जुनूबी अफ़्रीक़ा) तंज़ीम की चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए चहार शंबा को हिंदूस्तान जा रहे हैं। सुनवई डांग ने कहा कि हमारे फ़ौजी, हिंदूस्तान के साथ फ़ौजी तआवुन और बाहमी तबादलों के सिलसिले में हिंदूस्तान का दौरा करने केलिए तैय्यार हैं। हिंदूस्तान और चीन दिफ़ाई शराकतदार हैं।

बाहम फ़ौजी तबादले और तआवुन इस शराकतदारी का हिस्सा हैं। हिंदूस्तान ने चीन के साथ फ़ौजी तबादले अगसट 2010 में मुअत्तल करदिए थे, जबकि चीन ने एक सीनीयर फ़ौजी कमांडर को चीन का दौरा करने की इजाज़त देने से इनकार करदिया था जो जम्मू-ओ-कश्मीर के इलाक़ा उद्यम पर में ताय्युनात हैं जबकि ये ओहदेदार सरकारी दौरा पर चीन रवाना होने वाला था।

इस वाक़िया के फ़ौरी नताइज के तौर पर हिंदूस्तान ने तीसरे मरहले की फ़ौजी मश्क़ मुनाक़िद करने से इनकार करदिया और चीन के साथ इत्तिहाद करने और दीगर फ़ौजी तबादलों से भी इनकार करदिया गया। दोनों ममालिक की पहली मश्क़ 2002 में चीन के इलाक़ा कनमिंग में मुनाक़िद की गई थी और दूसरी 2008- में बीजिंग में हुई थी।

कशीदा फ़ौजी ताल्लुक़ात का ख़ातमा करते हुए हिंदूस्तान ने अपना एक फ़ौजी वफ़द गुज़श्ता साल जून में बीजिंग के दौरा पर रवाना किया। चीन ने जवाबी ख़ैरसगाली का मुज़ाहरा करते हुए अपना फ़ौजी वफ़द लेफ़टनेनट जनरल की ज़ेर-ए-क़ियादत गुज़श्ता नवंबर में हिंदूस्तान रवाना किया था। इस सवाल पर कि दोनों ममालिक के दरमयान बहरी तआवुन में क्या पेशरफ़त हुई है।

सुनवई डांग ने इन्किशाफ़ किया कि इस बारे में तजावीज़ ज़ेर-ए-ग़ौर हैं। दोनों ममालिक अपने तवील साहिलों को बाहमी तआवुन के ज़रीया मुस्तहकम करने के मुंतज़िर हैं।